दूसरे सबसे बड़े लोस क्षेत्र में घटे अतिसंवेदनशील मदतान केंद्र
जागरण संवाददाता, मंडी : क्षेत्रफल के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र मंडी में 72 अतिसंवेदनशील केंद्र कम हुए हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में 122 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील थे। इनमें मंडी जिला के 41 कुल्लू के 28, किन्नौर में 36, भरमौर के 11 व रामपुर के 6 मतदान केंद्र शामिल थे।
चुनाव आयोग ने अतिसंवेदनशील व संवेदनशील मतदान केंद्रों को लेकर पुलिस प्रशासन के साथ कई दौर की बैठक कर समीक्षा की। समीक्षा में 72 मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में 122 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र थे। इसमें किन्नौर जिला के 30, भरमौर हलके के 10, रामपुर के 5 तथा मंडी जिला के नौ हलकों में 27 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र कम हुए हैं। जबकि कुल्लू जिला में एक भी अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र कम नहीं हुआ है।
50 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों में मंडी जिला के नौ हलकों में अब 14 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील रहे हैं। इसमें सबसे अधिक सरकाघाट हलके में 3, सुंदरनगर, बल्ह, सराज व जोगेंद्रनगर में 2-2 तथा करसोग, नाचन व मंडी में 1-1 मतदान केंद्र शामिल हैं। कुल्लू जिला के आनी में सबसे अधिक 9, कुल्लू में 8 तथा मनाली 4 व बंजार में 7 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील हैं। किन्नौर हलके में 6 रामपुर व भरमौर में 1-1 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील है। 2009 में इस संसदीय क्षेत्र में 227 संवेदनशील मतदान केंद्र थे। इस बार आंकड़ा 228 तक पहुंच गया है। अकेले मंडी जिला में 30 तथा भरमौर हलके में 5 संवदेनशील मतदान केंद्र बढ़े हैं। लाहुल-स्पीति व रामपुर में 24 संवेदनशील मतदान केंद्र कम हुए हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि पुलिस प्रशासन के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद 72 मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी से बाहर किया गया है।