आरओ को कारण बताओ नोटिस
प्रतिनिधि, कुल्लू : आनी की पटारना बीट में हुए अवैध पेड़ कटान मामले की हुई जाच में दोषी पाए गए आरओ को वन विभाग लुहरी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने आरओ से 15 दिन के भीतर जबाव देने को कहा है। आनी में सड़क निर्माण के नाम पर हुए भारी पेड़ कटान में करोड़ों रुपये की वन संपदा को नष्ट किया गया है। वन विभाग के नाकों तले हुए इस कटान में विभाग को कोई खोज खबर नहीं लगी है।
मामला उजागर होने पर विभाग ने इसकी जाच करवाई, जिसमें तीन लोगों को इसमें दोषी पाया गया है। जिस पर विभाग ने आनन-फानन में बीट गार्ड व बीओ को सस्पेंड कर दिया है। उन्हे सस्पेंड किए हुए छह माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन दोषी आरओ पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब विभाग ने उन्हे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इससे पहले विभाग के आला अफसरों ने आरओ को बचाने की पूरी कोशिश की है। करोड़ों रुपये की इस वन संपदा पर अवैध रूप से चलाई गई कुल्हाड़ी मामले में तत्कालीन प्रधान का नाम भी सामने आया है। मामला गंभीर होने पर जाच अधिकारी को भी यहा से तबादला कर किन्नौर भेजा गया है।
उधर, अब छह माह बीत जाने के बाद विभाग ने ज्वाई में तैनात रहे पूर्व आरओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है तथा 15 दिन के भीतर जबाव मांगा गया है। इसकी पुष्टि डीएफओ लुहरी वीके अग्रवाल ने की है। जब मामले को लेकर अरण्यपाल रामपुर अमिताभ गौतम से पूछा गया तो उन्होंने जबाव देने से साफ मना कर दिया।
'मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है, मामला काफी गंभीर होने से अरण्यपाल व डीएफओ से रिपोर्ट तलब की जाएगी। दोषी कोई भी हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो विभाग अपनी जाच टीम मौके के लिए भेज सकती हैं।'
आरके गुप्ता, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन विभाग, शिमला।
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