बिना नकदी राशन जुटाना बना चुनौती
संवाद सहयोगी, केलंग : छह महीने बर्फ की कैद में रहने वाले कबायली जिला लाहुल-स्पीति के लोगों को राशन ज
संवाद सहयोगी, केलंग : छह महीने बर्फ की कैद में रहने वाले कबायली जिला लाहुल-स्पीति के लोगों को राशन जुटाना चुनौती बन गया है। यह चुनौती उन्हें नोटबंदी के बाद पर्याप्त पैसे न मिलने के कारण झेलनी पड़ रही है। इन दिनों लोग खाने-पीने से लेकर अन्य जरूरत का सामान जुटाने में लगे हैं। लोग बैंकों में पैसे होने के बावजूद उन्हें निकाल नहीं पा रहे हैं। इसका कारण बैंकों में भी पर्यापत नकदी न आना है। कभी भी समूचा लाहुल-स्पीति बर्फ से ढक सकता है। दस फुट से अधिक हिमपात के बीच लोगों को जीवित रहने के लिए आवश्यक सामग्री चाहिए।
उदयपुर से रवि, हीरेंद्र, राज कुमार, नीरज, केलंग से प्रेम, संजू, भगत राम, ते¨जन, शाम चंद ने बताया कि नोटबंदी के कारण एटीएम से भी सीमित राशि निकल रही है। बैंक से भी 2000 ही मिल पा रहे हैं। इससे सर्दियों के लिए जरूरी सामान खरीदने में उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। यदि बर्फबारी शुरू हो गई तो उनका घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।
सिस्सू के पंचायत समिति सदस्य सुनील ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों को नोटबंदी के इस दौर में कुछ राहत दी जानी चाहिए थी। जनजातीय क्षेत्र में तब तक ही जरूरी सामान आदि जुटाने के लिए लोगों के पास समय होता है जब तक बर्फबारी न हो। यदि एक बार हिमपात का दौर शुरू हो गया तो फिर घरों से निकलना भी मश्किल हो जाएगा। बैंक से सीमित राशि निकलने से उन्हें सामान खरीदने में परेशानी हो रही है।
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सभी बैंकों को जनजातीय क्षेत्र के लिहाज से आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। लोगों को आवश्यक वस्तुओं के भंडारण में पैसों की कमी आड़े न आए, इस बात का बैंक प्रबंधकों को ध्यान रखने को कहा है। हालांकि अभी तक ऐसी कोई शिकायत भी नहीं आई है।
- विवेक भाटिया, उपायुक्त लाहुल-स्पीति।