नौतोड़ को बना दिया अवैध कब्जा
संवाद सूत्र, बजौरा/भुंतर : नौतोड़ भूमि को अवैध कब्जा बताकर 19 साल से वन विभाग के पार्वती वन मंडल द्वा
संवाद सूत्र, बजौरा/भुंतर : नौतोड़ भूमि को अवैध कब्जा बताकर 19 साल से वन विभाग के पार्वती वन मंडल द्वारा एक व्यक्ति को परेशान किए जाने के मामले में मंडलायुक्त मंडी की अदालत ने अपना निर्णय सुनाया है। मंडलायुक्त ने अपने निर्णय में कहा है कि जो भूमि अवैध कब्जा बताई गई थी वह नौतोड़ भूमि है। उस पर वन विभाग का कोई अधिकार नहीं है।
अधिवक्ता रोशन लाल ठाकुर ने बताया कि थरास गांव निवासी लाल चंद की ओर से मंडलायुक्त के समक्ष दायर अपील पर अक्टूबर में मंडलायुक्त ने अपने एक लोकल कमिश्नर के साथ भुंतर तहसील से तहसीलदार और वन मंडलाधिकारी पार्वती को इस भूमि के संयुक्त निरीक्षण के आदेश दिए थे। 18 अक्टूबर को इस पर लोकल कमिश्नर, तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी और पार्वती वन मंडल से वन परिक्षेत्राधिकारी हुरला, वन खंड अधिकारी तथा वन रक्षक ने संयुक्त निरीक्षण किया। इसमें पाया गया कि यह भूमि जिस पर दो मकान बने हैं, वह वन भूमि नहीं बल्कि 1969 में स्वीकृत पट्टा नौतोड़ की भूमि है। 29 अक्टूबर को मंडलायुक्त की अदालत ने थरास निवासी लाल चंद की अपील पर निर्णय दिया कि यह भूमि वन भूमि नहीं बल्कि नौतोड़ है।
अधिवक्ता ने बताया कि 1997 में वन विभाग ने लाल चंद पर बिना तथ्यों को पूछे, जाने ही अवैध कब्जे का मुकदमा किया था। लाल चंद वन विभाग के समक्ष अपना पक्ष लगातार रखता रहा, लेकिन वन विभाग ने निशानदेही आदि भी नहीं करवाई। नतीजतन आठ जुलाई 2015 को लाल चंद के घर के बिजली व पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दिए। कनेक्शन अब तक बहाल नहीं हुए हैं। लाल चंद ने इस कार्रवाई के खिलाफ मंडलायुक्त देवेश कुमार की अदालत में अपील की थी। मंडलायुक्त के निर्णय की प्रति लाल चंद पुत्र चेत राम को दो दिसंबर को प्राप्त हुई। लाल चंद ने कहा कि वह वन विभाग के खिलाफ मुआवजे का मुकदमा दायर करेंगे।