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कवियों ने गिनाया नोटबंदी का नफा-नुकसान

संवाद सूत्र, कुल्लू : भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कुल्लू की ओर से साहित्यकार यशपाल की याद में मंगलव

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 01:02 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 01:02 AM (IST)
कवियों ने गिनाया नोटबंदी का नफा-नुकसान

संवाद सूत्र, कुल्लू : भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कुल्लू की ओर से साहित्यकार यशपाल की याद में मंगलवार को देव सदन भवन कुल्लू के सभागार में बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस बहुभाषी कवि सम्मेलन में जिला के लगभग 60 कवियों ने भाग लिया।

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सम्मेलन का उद्घाटन सेवानिवृत्त उपनिदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ. विद्याचंद ठाकुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने यशपाल के जीवन तथा उनके साहित्यिक जीवन के सफर पर प्रकाश डाला। कवि सम्मेलन में कई नवोदित कवियों ने भी कविता पाठ किया। कार्यक्रम में प्रियंका ने जीवन के रंग, हिमानी ने गुरु की महिमा, विपुल ने देश भक्ति, नीलमा ने मुस्कान, अम्बरा ने मैं तुम्हारी तन्हाई, दौलत भारती ने दुनिया अब सयानी हो गई, शिव सिंह पाल ने बरसो रे मेघ सूखा आंचल जैसी रचनाएं प्रस्तुत की। सोनिया ने बाद मेरे मरने के, किशोरी शर्मा ने मंडियाली कविता देश मंझ, शिवराज शर्मा ने न जाने कहां गए वे दिन, शशि किरन ने दुनिया, इंदू पटियाल ने बेटियां, हीरा लाल ठाकुर ने चुनाव, सत्यपाल ठाकुर ने नोटबंदी पर झलकियां, ईश्वरी दास ने घाघरा, तोबदन ने पैसा बकाया रचनाएं प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। शेर ¨सह मेरूपा ने यमराज, सुमन सिक्का ने आओ कीचड़ उछालें, प्रोमिला ठाकुर ने आइना, राजपाल ने जिंदगी मुस्कराती जाती, बुद्धि सिंह प्रभाकर ने ये जो मेरे देश के चौकीदार हैं, रोशनी वर्मा ने बेटी है अनमोल, जयदेव विद्रोही ने सशक्त क्रांति का अग्रदूत यशपाल, राजेंद्र पालमपुरी ने साहित्य के नाम पर साजिश होने लगी की प्रस्तुति दी। इंदू भारद्वाज ने मां भारती के मस्तक की बिंदी ¨हदी, कुसुमलता ने दहेज, राज ¨सह राज ने वाह रे मोदी, दीपक कुल्लवी ने दिन आए मित्रो माड़े, डॉ. ओम ने मौन उद्देश्य, फिरासत खां ने कब तक होगा गुजारा उधार से रचना प्रस्तुत आम जनजीवन में आ परेशानियों का चित्रण किया। विद्यासागर ने अनमोल रतन बिक जाते हैं, शीर्षक से कविता पाठ किया। कार्यक्रम के समापन पर जिला भाषा अधिकारी कुल्लू प्रोमिला गुलेरिया ने कार्यक्रम में उपस्थित कवियों का आभार जताया।


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