किसी ने सराहा निर्णय, किसी ने नकारा
संवाद सूत्र, कुल्लू : अधिष्ठाता रघुनाथ जी के मंदिर के अधिग्रहण की अधिसूचना पर मचे बवाल के बीच कई लोग
संवाद सूत्र, कुल्लू : अधिष्ठाता रघुनाथ जी के मंदिर के अधिग्रहण की अधिसूचना पर मचे बवाल के बीच कई लोग निर्णय को गलत करार दे रहे हैं तो कुछ लोग सरकार के निर्णय की सराहना कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इससे देव संस्कृति का संरक्षण नहीं, बल्कि उसका हनन होगा। कई लोगों ने कहा कि अधिग्रहण से मंदिर की सारी आय का हिसाब-किताब रहेगा और मंदिर की सुरक्षा भी बढ़ेगी। दैनिक जागरण ने इस मामले पर लोगों से बातचीत कर उनकी राय जानी।
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रघुनाथ मंदिर का अधिग्रहण होने से पवित्रता नहीं रहेगी। कुल्लू के मंदिरों में अलग व्यवस्था है, सरकार को यहां हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
पंडित भुवनेश्वर
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रघुनाथ मंदिर का अधिग्रहण होने से सुरक्षा बढ़ेगी। चोरी की घटनाएं नहीं होंगी। मंदिर की व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ न हो।
खुशहाल ठाकुर
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मंदिर का अधिग्रहण होने से प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा खंडित होगी। मंदिर का अधिग्रहण हुआ तो सरकार की नजर अन्य मंदिरों पर भी पड़ेगी।
हरफू राम
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अधिग्रहण से देवलुओं को सुविधा मिलेगी। कई मंदिरों में आय पर कुछ लोगों की कुंडली रहती है। अधिग्रहण से ऐसा नहीं रहेगा।
मोती राम
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रघुनाथ मंदिर का अधिग्रहण होने से कई देवी-देवता दशहरा उत्सव से किनारा कर लेंगे। अधिग्रहण से कई देव समाज से जुड़े लोग और हजारों भक्त नाराज भी होंगे।
रामदास
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रघुनाथ मंदिर के अधिग्रहण से मंदिर की सुरक्षा तो बढ़ेगी लेकिन लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था के यथावत न रहने का भी खतरा रहेगा।
नरेंद्र शर्मा