सरयोलसर में उमड़ रहे श्रद्धालु
संवाद सहयोगी, कुल्लू : साल में सात महीने तक श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुले रहने वाली माता बूढ़ी ना
संवाद सहयोगी, कुल्लू : साल में सात महीने तक श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुले रहने वाली माता बूढ़ी नागिन की वास सरयोलसर में इन दिनों भक्तों का तांता लगा है। यहां कराड़ घाटी के देवता चोतरू नाग ने माता बूढ़ी नागिन से मिलन किया तथा माता की पवित्र झील सरयोलसर में देवता ने डुबकी भी लगाई। सैकड़ों हरियानों व देवलुओं के साथ आए देवता चोतरू नाग की ढोल-नगाड़ों की थाप से 11 हजार फुट ऊंची सरयोलसर की वादियां देवमय हो उठीं। इस दौरान यहां श्रद्धालुओं ने माता को रखी मन्नत को एक किलोमीटर की परिधि में फैली माता की पवित्र झील के चारों ओर घी की फेरी लगाकर पूरा किया है।
वहीं, श्रद्धालु ऐतिहासिक पर्यटक स्थल जलोड़ी दर्रा में मनमोहक वादियों का भी खूब लुत्फ उठा रहे हैं। भक्त लीला प्रसाद, चंद्र किशोर, यशपाल कटोच तथा भुवनेश्वर कटोच ने कहा कि इन दिनों सरयोलसर की वादियां सैलानियों माता के भक्तों और स्कूल-कॉलेज से पिकनिक बनाने आ रहे छात्र-छात्राओं से गुलजार है। भक्तों ने कहा कि माता बूढ़ी नागिन पशुधन की रक्षा के साथ सच्चे मन से आस्था रखने वाले भक्तों की कामना पूरी करती है। इसके अलावा माता की पवित्र झील के जल से स्नान करने से कई तरह के चर्म रोगों से भी निजात मिलती है। माता बूढी नागिन के कारदार भागे राम राणा, मंदिर कमेटी सरयोलसर के प्रधान सेस राम ठाकुर, कोषाध्यक्ष से राम राणा, पुजारी डोला राम ने कहा कि आषाढ़ संक्रांति के बाद माता के दर्शन के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग माता के दरबार पहुंच रहे है। भागे राम राणा ने कहा कि 24 जून को देवता चोतरू नाग ने माता के दरबार में आकर माता से मिलन कर डुबकी भी लगाई है। इससे पहले देवता च्वासी नाग ने भी माता के साथ भव्य देव मिलन किया था।