पेंडिंग : हालात ना बदले तो चीन से मदद लेंगे
जसवंत ठाकुर, काजा (लाहुल-स्पीति)
प्रदेश की सीमावर्ती पिन वैली के लोग बगावत पर उतर आए हैं। बाढ़ से बर्बाद हुए यहां के आधारभूत ढांचे में सुधार न होता देख और सरकार से गुहार लगाकर थक चुके लोगों ने चीन की मदद लेने तक की बात कह डाली है। लोगों में रोष है कि अन्य आधारभूत सुविधाओं की बात तो दूर घाटी को प्रदेश से जोड़ने वाला बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए एकमात्र पुल की मरम्मत करवाने में भी सरकार नाकाम रही है। गुस्साए लोग अब पिन घाटी से पलायन कर रहे हैं। कीर नाले में तीन साल पहले आई बाढ़ ने यहां भारी तबाही मचाई थी। इसके बाद से लोग जान जोखिम में डालकर बाढ़ ग्रस्त कीर नाले को पार करने को मजबूर हैं।
सगनम पंचायत के प्रधान लोवजंग तंड़ूप ने कहा कि यदि देश को यहां के लोगों के दुख दर्द से कोई सरोकार नहीं है तो वे चीन से मदद लेने में भी गुरेज नहीं करेंगे। उन्हें देश विरोधी शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बहुत दुख हो रहा है लेकिन यहां की औरतों-च्च्चों और बुजुर्गो का दुख उनसे नहीं देखा जा रहा। यह पहली बार नहीं हुआ है कि अगस्त में लोग जान जोखिम में डालकर कीर नाले के पुल को पार कर रहे हों। ग्रामीण इस समस्या का पिछले तीन साल से सामना कर रहे हैं। कीर नाले में पिछले तीन साल से बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ के कारण ग्रामीण एकमात्र मटर की नकदी फसल भी नहीं बेच पा रहे हैं। इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब होती जा रही है।
कुंगरी पंचायत के प्रधान छेवांग तोपगे ने कहा कि घाटी के लोग मटर की खेती पर निर्भर हैं। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को आग्रह किया कि शीघ्र कीर नाले में बड़े पुल का निर्माण किया जाए।
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सरकार गंभीर, लोग मायूस न हों : रवि
लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि पिन वैली के लोग मायूस न हों। स्वयं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पिन वैली का दौर किया है तथा 1.62 करोड़ रुपये की मदद की भी घोषणा की थी। वे स्वयं दो दिन पहले पिन वैली का दौरा कर आए हैं। काजा प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान को हर संभव प्रयास कर रहा है। प्रशासन ने कीर नाले में झूला लगा दिया है ताकि ग्रामीणों का मटर सीजन प्रभावित न हो। सरकार ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई को हर संभव प्रयास कर रही है।