विवि का प्रदर्शन ही तय करेगा वित्तीय सहायता
जागरण संवाददाता, पालमपुर : कृषि व अन्य विश्वविद्यालयों को वित्तीय सहायता उनके प्रदर्शन पर निर्भर
जागरण संवाददाता, पालमपुर : कृषि व अन्य विश्वविद्यालयों को वित्तीय सहायता उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। यह खुलासा कृषि विवि पालमपुर में आरंभ हुई देशभर के वित्त नियंत्रकों की कार्यशाला में हुआ। इस कार्यशाला का शुभारंभ सांसद शांता कुमार ने किया। इसमें देश से 70 वित्त नियंत्रक भाग ले रहे हैं। वीरवार को आरंभ हुई राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों एवं केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों के वित्त नियंत्रकों की कार्यशाला में बताया गया कि कृषि विवि पालमपुर फैलोशिप परीक्षा में देश भर में अव्वल रहा है। इस मौके पर सांसद शांता कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र गति से बढ़ रही है, लेकिन फिर भी देश के 36 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। शांता कुमार ने वित्त अधिकारियों से कहा कि वे वित्तीय प्रशासन में विसंगतियों के समाधान पर ध्यान दें और किसानों की आत्महत्या के मामलों पर भी गंभीरता से विचार कर उनका समाधान ढूंढें। बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उपमहानिदेशक डॉ. एनएस राठौर ने कहा कि इस समय देश के 75 कृषि विश्वविद्यालयों व संस्थानों में 70 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अब कृषि विश्वविद्यालयों व संस्थानों की सम्बद्धता व रैंकिंग पर सरकार गंभीर है, अत: अब इन संस्थानों को मिलने वाली वित्तीय सहायता उनके अच्छे प्रदर्शन पर ही निर्भर होगी। कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने समयवद्ध वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशकों डॉ एमबी चैट्टी व डॉ पीएस पांडे ने अपने विचार रखे।