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लॉकडाउन में खजियार का शृंगार कर रही प्रकृति, पर्यटकों और वाहनों की भीड़ कम होने से लौटी हरियाली

Tourist Places Khajjiar कोरोना वायरस के प्रभाव कारण बेशक दुनिया ठहर सी गई है लेकिन इस दौरान प्रकृति ने अपना खूब शृंगार किया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 09:56 AM (IST)
लॉकडाउन में खजियार का शृंगार कर रही प्रकृति, पर्यटकों और वाहनों की भीड़ कम होने से लौटी हरियाली
लॉकडाउन में खजियार का शृंगार कर रही प्रकृति, पर्यटकों और वाहनों की भीड़ कम होने से लौटी हरियाली

डलहौजी, विशाल सेखड़ी। कोरोना वायरस के प्रभाव कारण बेशक दुनिया ठहर सी गई है, लेकिन इस दौरान प्रकृति ने अपना खूब शृंगार किया है। हिमाचल का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजियार भी इन दिनों अपनी पुरानी आभा को हासिल कर रहा है। बीते दो माह से जारी लॉकडाउन के चलते मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात यह पर्यटन स्थल इन दिनों नए स्वरूप में दिखाई दे रही है।खजियार में हर वर्ष पर्यटकों की काफी ज्यादा आमद होती है।

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ऐसे में यहां पर्यटक वाहनों की आवाजाही से जहां प्रदूषण का स्तर बढऩे से खजियार मैदान के इर्दगिर्द चीड़ व देवदार सहित अन्य प्रजातियों के हरे भरे पेड़ों वाला वन क्षेत्र नीरस सा होने लगा था। वहीं, ऐतिहासिक खजियार झील भी अपने अस्तित्व की जंग लड़ रही थी। सरकारी प्रयासों के बावजूद झील गंदगी व गाद की वजह से सिकुड़ती जा रही थी।

प्रदूषण मुक्त हुआ क्षेत्र

लॉकडाउन में पर्यटकों व वाहनों की आवाजाही बंद होने का यह असर देखने को मिला कि मिनी स्विट्जरलैंड पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो गया है। आम दिनों की तरह अब झील में कचरा तैरता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। साथ ही यहां हरे भरे वन क्षेत्र का भी सौंदर्य निखर गया है।

दो हेक्टयेर क्षेत्र में फैली झील

चंबा व डलहौजी के मध्य क्षेत्र में समुद्रतल से 1920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खजियार झील करीब दो हेक्टयेर क्षेत्र में फैली हुई है। विगत वर्षों में दूषित हो चुकी यह झील अब अपने पुराने स्वरूप को पाने की ओर लौट रही है।

खज्जी नाग के नाम पर पड़ा खज्जियार नाम

खजियार झील के ठीक सामने खज्जी नाग प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर है। कहा जाता है कि खज्जी नाग के नाम पर ही इस स्थान का नाम खजियार पड़ा था। वर्ष 1992 में स्विट्जरलैंड के तत्कालीन वाइस काउंसलर विली टी ब्लेजर खजियार आए थे। ब्लेजर यहां की सुंदरता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खजियार को मिनी स्विट्जरलैंड नाम दिया। वहीं, स्विस अधिकारी एक यादगार के रूप में स्विस संसद में लगाने के लिए यहां से एक पत्थर भी ले गए थे। तब से खजियार को मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है।

फिल्मों व टीवी धारावाहकों की हुई है यहां शूटिंग

नैसर्गिक सौंदर्य से लबरेज खजियार में वजूद, गदर, हिमालय पुत्र, लुटेरा व ब्लू अंब्रेला आदि कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। वहीं, कई टीवी धारावाहिकों व पंजाबी, ङ्क्षहदी व पहाड़ी विडियो एलबम को ही यहां फिल्माया जा चुका है।हर वर्ष आते हैं लाखों पर्यटकखजियार में हर वर्ष लाखों पर्यटक प्रकृति के नजारे देखने यहां आते हैं। विगत पांच वर्षों में करीब 12 से 15 लाख पर्यटक खजियार का भ्रमण कर चुके हैं।

यह सही है कि लॉकडाउन के दौरान खजियार में प्राकृतिक सौंदर्य निखरा है। विभाग भी खजियार के सौैंदर्यीकरण के लिए समय-समय पर कार्य करता है। यहां झील की गाद निकालने के लिए बजट स्वीकृत हुआ है। यह कार्य वैज्ञानियों की देखरेख में तीन चरणों में किया जाएगा। -राजीव कुमार, डीएफओ वन्य प्राणी विभाग मंडल चंबा।


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