नाले का उफान निगल रही मटौर पंचायत की जमीन
जागरण संवाददाता, कागड़ा : मनूनी खड्ड व बड़ा नाले के उफान से मटौर पंचायत के लोग परेशान हैं। जब भी खड्ड
जागरण संवाददाता, कागड़ा : मनूनी खड्ड व बड़ा नाले के उफान से मटौर पंचायत के लोग परेशान हैं। जब भी खड्ड में उफान आता है तो लोगों की उपजाऊ जमीन को साथ बहा ले जाता है। समस्या पहले कम थी, लेकिन कुछ समय से खड्ड का बहाव मटौर के किसानों के खेतों की ओर हो गया है। इससे किसानों की कई कनाल भूमि पानी के बहाव में बह गई है। कई जगह किसानों ने खुद जमीन बचाने के लिए खड्ड के पत्थरों को इकट्ठा कर जमीन को बचाने का प्रयास किया है लेकिन यह प्रयास नाकाफी है। ग्रामीण पंचायत प्रधान व उपप्रधान से भी डंगे लगाने की माग कर चुके हैं लेकिन धनराशि न मिलने से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। मनरेगा के तहत भी डंगे न लगने से ग्रामीणों में रोष है। वहीं नाला पुल से लेकर धोबीघाट तक पंचायत रास्ते को बना रही है और यहा पर भी डंगे लगाने की माग लोग प्रशासन व सरकार से कर रहे हैं। पंचायत में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए विधायक पवन काजल के सहयोग से 14 हैंडपंप लगाए गए हैं, लेकिन भूमि कटाव से ग्रामीण ज्यादा चिंतित हैं। अच्छर सिंह के घर के पास नाले में आने वाला उफान लोगों के घर तक पहुंचता है। इस कारण नाले के आसपास लोगों की जमीन का कटाव होता है। पंचायत में बिजली की तारों को व्यवस्थित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। हरेक वार्ड में दो-दो स्ट्रीट लाइटें 14वें वित्त आयोग के तहत स्थापित हो रही हैं। लावारिस पशुओं की समस्या से भी पंचायत अछूती नहीं है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
मनूनी खड्ड ने कई कनाल भूमि निगल ली है। पहले पानी का बहाव दूसरे छोर से था लेकिन कुछ साल से मटौर की तरफ से हो गया है। होशियार सिंह, जगदीश, हाकम, जमना देवी, डूमणू राम, गोवर्धन, भगवान दास व हंसराज की कई कनाल जमीन पानी के बहाव में बह गई है।
-सुनीता देवी, ग्रामीण
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मनूनी खड्ड का बहाव जमीनों का दुश्मन बना हुआ है। पंचायत से भी कई बार माग की है लेकिन पंचायत कहती है कि मनरेगा के तहत डंगे नहीं लग सकते। सरकार से माग है कि जहा ज्यादा जरूरी है वहा पर मनरेगा के तहत डंगे लगाने का प्रावधान करवाया जाए।
-सुदेश कुमारी, ग्रामीण
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पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है। विधायक के सहयोग से यहा काफी हैंडपंप स्थापित हो चुके हैं लेकिन नदी व नालों में डंगे न लगने से बरसात में पानी घरों में घुसता है और परेशानी होती है। आवाजाही भी रुक जाती है। पंचायत में जरूरी स्थानों पर अतिरिक्त लाइटों का प्रबंध प्रशासन को करना चाहिए।
-मिल्खी राम, ग्रामीण
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लावारिस पशुओं का आतंक है। यहा बड़ा नाला पुल से धोबीघाट तक के रास्ते को पक्का करने के साथ-साथ डंगे लगने चाहिए। रास्ते में कई ग्रामीण गिर चुके हैं। पंचायत में विकास कार्य हो रहे हैं। पानी व बिजली की समस्या नहीं है। प्रशासन को डंगे लगाने चाहिए।
-पवन कुमार, ग्रामीण
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पंचायत प्रतिनिधियों के बोल
14वें वित्त आयोग के तहत जारी आदेश के अनुसार अब पंचायत में रास्ते वही बनेंगे जो राजस्व विभाग के लट्ठे में होंगे। जो लट्ठे में नहीं है वह नहीं बनेंगे। कुछ रास्ते ऐसे हैं जहा पर पहले पंचायतों का पैसा लगा है लेकिन अब मजबूरी यह है कि ये रास्ते बिना जमीन की औपचारिकताओं को पूरा किए नहीं बन सकते हैं। इस कारण दिक्कत आ रही है और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
-संजीव कुमार, उपप्रधान मटौर
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पंचायत चार नालों से घिरी है। मनूनी खड्ड सहित बड़ा नाला व अन्य नाले लोगों की जमीनों का कटाव कर रहे हैं। लोगों के प्रार्थना पत्र डंगे लगाने के लिए आ रहे हैं लेकिन बीडीओ और डीसी कहते हैं कि मनरेगा में डंगे नहीं लगेंगे। सरकार व प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जरूरी स्थलों के लिए डंगे लगाने की इजाजत देनी चाहिए।
निर्मल सिंह, प्रधान पंचायत मटौर