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कांगड़ा नगर में वानर सेना का राज

जागरण संवाददाता, कागड़ा : कांगड़ा शहर ही क्या जिले में कई जगहों पर बंदरों का आतंक है

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 12 Aug 2017 03:01 AM (IST)
कांगड़ा नगर में वानर सेना का राज
कांगड़ा नगर में वानर सेना का राज

जागरण संवाददाता, कागड़ा : कांगड़ा शहर ही क्या जिले में कई जगहों पर बंदरों का आतंक है। कागड़ा शहर में नौ वार्ड हैं और कोई भी वार्ड ऐसा नहीं है, जिसमें बंदरों का आतंक नहीं है। पुराना कागड़ा में न केवल बंदर बल्कि लावारिस कुत्ते भी लोगों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। बंदरों की समस्या से निजात के लिए यहा कोई प्रयास सफल होता प्रतीत नहीं हो रहा है।

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पुराना कागड़ा में ही नगर परिषद के तीन वार्ड हैं। जब भी सुबह स्कूल के लिए बच्चों को भेजना हो तो बच्चों के परिजनों को हाथ में डंडा लेकर व थैले में पत्थर डालकर जाना पड़ता है। पुराना कागड़ा के कई लोगों को बंदर व कुत्ते अस्पताल पहुंचा चुके हैं। स्कूल से जब बच्चे घर लौटते हैं तो उस वक्त अभिभावकों को ज्यादा चिंता रहती है। अभिभावक बच्चों को लेने के लिए उस स्थान पर पहले ही पहुंच जाते हैं, जिस स्थान पर गाड़ी बच्चों को छोड़ जाती है। नए कागड़ा व मा बज्रेश्वरी के आसपास सटे तीन वार्डो में भी बंदर कहर बरपाते हैं। यहा पर मंदिर बाजार गली में अक्सर बंदर बैठे रहते हैं। इस कारण स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। मंदिर बाजार के आसपास बंदरों के बैठे रहने से सभी परेशानी झेलते हैं। यहा साथ में ही मिशन अस्पताल है। जहा के लिए हर रोज जाने वाली प्रशिक्षु नर्सो को भी बंदरों से खुद के बचाव के लिए अपने थैले में पत्थर रखने पड़ते हैं। पुराने बस अड्डे से लेकर नए बस अड्डे तक की गलियों में बंदरों की उछलकूद रहती है। यहा पर न केवल बंदर बल्कि कुत्ते व लावारिस पशुओं से भी लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों की इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। कागड़ा शहर के लोग नगर परिषद में भी कई बार बंदरों की समस्या को उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

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नगर में बंदरों की समस्या अधिक है। इस समस्या के समाधान के लिए वन विभाग से बातचीत की जा रही है, ताकि कोई हल निकाला जा सके।

श्याम नारायण शर्मा, नगर परिषद उपाध्यक्ष कागड़ा

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