किशन कपूर और पवन काजल को गैरों ने दुलारा, अपनों ने नकारा
लोकसभा चुनाव नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि पिछले कई साल से अपने- अपने हलकों का प्रतिनिधित्व कर रहे विधायकों का गृह क्षेत्रों में जनाधार नहीं है।
धर्मशला, जेएनएन। लोकसभा चुनाव नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि पिछले कई साल से अपने- अपने हलकों का प्रतिनिधित्व कर रहे विधायकों का गृह क्षेत्रों में जनाधार नहीं है। बात चाहे विजेता भाजपा के किशन कपूर की हो या कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल की। दोनों में से एक भी नेता गृह विधानसभा क्षेत्रों में अपने पक्ष में खुलकर मतदान नहीं करवा पाए हैं। कपूर धर्मशाला हलके में खुद को ज्यादा लीड नहीं दिला सके, वहीं काजल भी कांगड़ा विस क्षेत्र में अपने पक्ष में वोट नहीं डलवा पाए हैं।
कपूर इस संबंध में कुछ भी कहने से परहेज करते हुए ओवरऑल परिणाम की दुहाई दे रहे हैं तो काजल ने अपने पिछड़ने का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा है। किशन कपूर को 725218 वोट मिले हैं और उन्होंने 477623 रिकॉर्ड मतों से प्रतिद्वंद्वी पवन काजल को हराया है। कपूर को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में 20 हजार से अधिक की लीड मिली है, लेकिन धर्मशाला हलके में लीड का आंकड़ा सभी 17 विस क्षेत्रों से सबसे कम 18685 तक ही सिमट गया है। धर्मशाला को छोड़कर अन्य भी 16 हलकों में लीड ज्यादा है।
अगर पवन काजल की बात की जाए तो उन्हें अपने ही कांगड़ा हलके में भी जनादेश नहीं मिल पाया है। कांगड़ा में सिर्फ 17470 लोगों ने ही काजल के पक्ष में मतदान किया है। पूर्व मंत्री जीएस बाली के गृह क्षेत्र नगरोटा बगवां में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 19410, दूसरे स्थान पर जवाली में 18 585 व सुलह में 18814 वोट पड़े हैं। नतीजों ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि भले ही मुकाबला दोनों नेताओं के बीच हुआ हो और किशन कपूर को रिकॉर्ड लीड मिली है, लेकिन दोनों ही नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में फिसड्डी साबित हुए हैं।
संसदीय क्षेत्र की जनता का जनादेश स्वीकार है। कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र से जो वोटों का आंकड़ा है, उससे लगता है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है। कांगड़ा में इतने कम वोट किसी भी सूरत में नहीं पड़ सकते हैं। -पवन काजल, कांग्रेस प्रत्याशी, संसदीय क्षेत्र कांगड़ा।
ऐतिहासिक जीत केंद्र सरकार की नीतियों और उपलब्धियों के कारण मिली है। सभी मतदाताओं व कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं। जहां तक प्राथमिकताओं की बात है तो समय के साथ ही ये तय होती हैं। समस्याओं का अंत नहीं, विकास की भी कोई सीमा नहीं है। इन्हीं सभी बिंदुओं पर काम होगा। -किशन कपूर, भाजपा प्रत्याशी, संसदीय क्षेत्र कांगड़ा।
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