रथयात्रा के लिए सौंपी जिम्मेदारियां
संवाद सूत्र, कोटला : भारतीय जनता पार्टी जवाली मंडल की बैठक मंडल अध्यक्ष उत्तम धीमान की अध्यक्षता में
संवाद सूत्र, कोटला : भारतीय जनता पार्टी जवाली मंडल की बैठक मंडल अध्यक्ष उत्तम धीमान की अध्यक्षता में हुई। इसमें संगठन जिला अध्यक्ष अर्जुन सिंह मौजूद रहे। बैठक में भाजपा की रथयात्रा की तैयारियां पर चर्चा कर कार्यकत्र्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई। आइटी सैल संयोजक अमन राणा ने बताया कि जवाली मंडल में रथयात्रा का स्वागत 29 जून को सुबह 10 बजे 32 मील व 12 बजे नगरोटा सूरिया में होगा। चार बजे चलबाड़ा में सांसद शाता कुमार व भाजपा प्रभारी मंगल पाडेय जनसभा करेंगे। जिला अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं व आम लोगों से रथयात्रा में शामिल होने का आग्रह किया है। बैठक में महिला मोर्चा महामंत्री रविंद्रा सम्बयाल, जिला परिषद सदस्य शीला धीमान, जीत राम शर्मा, अशोक शर्मा, बाबूराम, भूमि चौहान, प्रताप चौहान, गोधम राम, प्रकाश चंद आजाद व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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कांग्रेस चंद दिनों की मेहमान : घनश्याम
संवाद सहयोगी, भवारना : भाजपा की परिवर्तन रैली को लेकर प्रदेश की जनता में दिखे उत्साह से स्पष्ट है कि अब कांग्रेस सरकार चंद दिनों की मेहमान है। भाजपा पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक घनश्याम शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में परिवर्तन रैली को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है और जनता अब सत्ता परिवर्तन चाहती है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया।
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डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि
संवाद सहयोगी, पालमपुर : जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर शुक्रवार को ¨बद्रावन पंचायत के फाटा गांव में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रवीण कुमार मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से रक्तदान शिविर का लगाया गया। पूर्व विधायक ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के जीवन का पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि छह जुलाई 1901 को जन्मे बंगाल टाइगर डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने 33 वर्ष की उम्र में ही कोलकाता विश्वविद्यालय के उपकुलपति का कार्यभार संभाला था। डॉ. मुखर्जी ने एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे का नारा दिया। जम्मू कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय की मांग को लेकर उनका सत्याग्रह एवं बलिदान कभी नहीं भूलेगा। जवाहर लाल नेहरू ने महाराजा हरि सिंह को हटाकर शेख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर सौंप दिया। शेख अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में आने वाले हर भारतीयों को अनुमति पत्र लेना अनिवार्य कर दिया। इसी देशद्रोही निर्णय के विरुद्ध 1953 में प्रजा परिषद तथा भारतीय जनसंघ ने सत्याग्रह किया। उन्होंने कहा कि 20 जून 1953 को डॉ. मुखर्जी की तबीयत खराब होने पर उन्हें कुछ ऐसी दवाइयां दीं, जिससे उनका स्वास्थ्य और बिगड़ गया। 22 जून को उन्हें अस्पताल में भरती किया गया व रात में ही अस्पताल में ढाई बजे रहस्यमयी परिस्थिति में उनका देहांत हुआ। प्रवीण कुमार ने कहा कि मृत्यु के बाद भी शासन ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया।