Move to Jagran APP

पहले जूम ने लूटा, अब अपना सीएससी में फंसे लाखों

जागरण संवाददाता, टांडा : न बिजली के बिल जमा कर पा रहे हैं और न ही मोबाइल फोन व डीटीएच रिचार्ज। प

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)
पहले जूम ने लूटा, अब अपना सीएससी में फंसे लाखों
पहले जूम ने लूटा, अब अपना सीएससी में फंसे लाखों

जागरण संवाददाता, टांडा : न बिजली के बिल जमा कर पा रहे हैं और न ही मोबाइल फोन व डीटीएच रिचार्ज। प्रदेशभर के कुछ लोक मित्र केंद्रों में ऐसा करीब एक माह से चल रहा है। लोक मित्र केंद्र संचालक संबंधित कंपनी के अधिकारियों से बात करते हैं तो सिर्फ दिलासा मिलता है कि जल्द आपके नए पोर्टल में पैसे आ जाएंगे, लेकिन एक माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। संचालकों के लाखों रुपये कंपनी के पास फंसे हुए हैं, परंतु उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। वे डरे हुए हैं कि जैसे पहले जूम कंपनी उन्हें चूना लगाकर फरार हो गई थी इस बार भी वैसे ही न हो जाए।

loksabha election banner

दरअसल प्रदेश की पंचायतों में लोगों को घर-द्वार ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने 2011 में जूम डेवेल्पर व जीएनजी कंपनी से करार किया था। इनके माध्यम से पंचायतों में लोक मित्र केंद्र खोले गए और बिजली के बिल व रिचार्ज समेत अन्य कार्य किए जाने लगे। जूम कंपनी सरकार व लोक मित्र केंद्र संचालकों को करोड़ों का चूना लगाकर फरार हो गई। इसके कई लोक मित्र केंद्र संचालकों के पैसे भी डूबे जो सरकार के आश्वासन के बावजूद आजतक नहीं मिल पाए। उसके बाद अपना सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) को यह जिम्मा दिया गया। इस साल फरवरी में सॉफ्टवेयर अपडेशन के नाम पर अपना सीएससी पोर्टल बंद कर दिया गया और बताया गया कि डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से ये सेवाएं चलेंगी। इस पोर्टल में जिन संचालकों के कम पैसे यानी एक से तीन हजार रुपये तक थे वे डिजिटल सेवा पोर्टल में आ गए हैं, परंतु जिनके ज्यादा पैसे यानी 6000 से अधिक वे नए पोर्टल में नहीं आए हैं। ऊना के लोक मित्र केंद्र संचालक के 7000, बड़सर के 9736, डाढ वाले के 75000 व सदरपुर के 82090 समेत ऐसे ही अनेक केंद्र संचालक हैं जिनके पैसे एक माह से ज्यादा समय से फंसे हैं और नए पोर्टल में नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में कंपनी के अधिकारी जो भी ईमेल आइडी बताते हैं वहां मेल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं आ रहा है। वहीं, कुछ के तो नए पोर्टल के आइडी और पासवर्ड भी नहीं आए हैं।

उधर, लोक मित्र केंद्र संचालकों का कहना है कि अचानक नया पोर्टल शुरू कर दिया गया। कुछ के आइडी और पासवर्ड भी नहीं आए हैं। कई बार फोन करने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा है। नए पोर्टल में अभी सारी सेवाएं शुरू नहीं हुई है। बिना तैयारी ही इसे शुरू कर दिया गया। पुराने पोर्टल से एक माह बाद भी पैसे नए में नहीं आए हैं। कैसे लोगों को सेवाएं दें समझ नहीं आ रहा है।

-------------------

पूरे देश में चल रहे लोक मित्र केंद्र संचालकों को नए पोर्टल से सेवाएं देने के लिए कार्य चल रहा है। पुराने पोर्टल में जिन भी लोक मित्र केंद्र संचालकों के पैसे हैं वे नए में आ जाएंगे, जिनके अभी नए आइडी और पासवर्ड नहीं आए हैं उन्हें भी ई-मेल के माध्यम से भेजा जा रहा है। जल्द सारी सेवाएं शुरू हो जाएंगी।

-अभिषेक, जिला प्रबंधक अपना सीएससी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.