जिप व बीडीसी को नहीं मिला वर्ष में एक भी पैसा
ढलियारा : प्रदेश में पंचायती राज चुनावों को एक वर्ष का समय हो गया है, लेकिन अभी तक जिला परिषद और पंच
ढलियारा : प्रदेश में पंचायती राज चुनावों को एक वर्ष का समय हो गया है, लेकिन अभी तक जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों को विकास कार्यो के लिए एक भी पैसा जारी नहीं हुआ है। उस पर सरकार की ओर से 13वें वित्त आयोग के तहत जारी हुए धन में से प्रयोग न हुई राशि को वापस करने के फरमान जारी हो गए हैं। सरकार के इस फरमान पर जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य भड़क गए हैं। रविवार को आयोजित जिला परिषद की बैठक में यह बताया गया कि सरकार आगामी बजट में जिला परिषद के लिए बजट का प्रावधान करे। इससे पहले भाजपा के कुछ सदस्यों ने कहा था कि अगर बजट का प्रावधान सरकार नहीं करती है तो जिला परिषद सदस्य अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। रविवार को बैठक में सदस्यों ने सरकार के उस फरमान पर भी हैरानी जताई, जिसमें 13वें वित्त आयोग के तहत प्रयोग न हुए फंड को वापस करने की बात कही गई है। जिला परिषद सदस्य पूनम धीमान ने कहा कि उक्त मामले को सरकार के साथ उठाया जाएगा और विश्वास है कि इस तरह की कोई नौबत नहीं आएगी। उन्होंने सरकार से माग की है कि यदि विकास कार्यो के लिए सीधा पंचायतों को ही पैसा दिया जा रहा है तो एमएलए और एमपी फंड को भी बंद किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आने बाले विधानसभा चुनावों में इसका नतीजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। जिला कागड़ा में जिला परिषद व पंचायत समिति हैड में हजारों की राशि अभी भी ऐसी है, जो 13वें वित्त आयोग के तहत जारी हुई थी। 13वें वित्त आयोग के बाद जिला परिषद सदस्यों और पंचायत समिति सदस्यों को किसी भी तरह की कोई ग्राट नहीं मिली है। अब इस हेड में बचे पिछले पैसे को भी सरकार वापस माग रही है। 14वें वित्त आयोग में जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों को ग्राट जारी करने पर रोक लग गई है और पैसा सीधा पंचायतों को ट्रासफर किए जाने का प्रावधान किया गया है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा की पंचायतों में सीधा पैसा ही भेजना है तो हमें इस पद से हटा देना चाहिए। इस अवसर पर जिला परिषद प्रकोष्ठ सदस्य ठाकुर दयाल सिंह बिट्टा, जिला परिषद सदस्य विशाल, गायित्री कपूर, विद्या देवी, बीडीसी सदस्य अविनाश सेठी, प्रधान जरनैल सिंह उपस्थित रहे।
यदि किसी पंचायत या फिर जिला परिषद सदस्य ने 13वें वित्तायोग का पैसा नहीं लगाया है तो उस पैसे को सरकार को वापस करना ही पड़ेगा।
-पवन, बीडीओ परागपुर