बीएसएफ जवान की ससम्मान अंत्येष्टि
जागरण संवाददाता, नगरोटा बगवां : समीपवर्ती पंचायत रढ़ निवासी सेठी राम (45) का शव वीरवार को गांव पहुंच
जागरण संवाददाता, नगरोटा बगवां : समीपवर्ती पंचायत रढ़ निवासी सेठी राम (45) का शव वीरवार को गांव पहुंचने पर समस्त वातावरण गमगीन हो गया। वह बीएसएफ 113 बटालियन पश्चिम बंगाल में बतौर सिपाही तैनात थे और सोमवार तड़के ट्रेन हादसे में उनकी मौत हो गई थी। उनकी पार्थिव देह को बेटे सौरभ ने मुखाग्नि दी। बीएसएफ की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
सेठी राम अपने पत्नी सरिता, तीन बेटियां सपना, नेहा, कोमल व बेटा सौरभ छोड़ गए हैं। बीएसएफ के एएसआइ छोटे लाल ने बताया कि सेठी राम 30 दिन की छुट्टी पर घर आ रहे था कि ट्रेन के दरवाजे से गिरकर मौत हो गई। सेठी राम की अंतिम यात्रा में विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि व क्षेत्रवासियों ने भाग लिया।
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बेटा बोला, पापा के सपने को करूंगा साकार
नगरोटा बगवां : सिपाही जी पिता का नंबर मुझे ही देना। मैं भी बीएसएफ में भर्ती होकर भारत मां की सेवा करूंगा। ये शब्द जवान के बेटे सौरभ कुमार ने उस समय कहे जब बीएसएफ जवानों ने सेठी के पार्थिव देह से राष्ट्रीय झंडे को हटाया। सौरभ ने दादा के पास पहुंच कर झंडे को पकड़कर रोते हुए कहा, मैं भी बड़ा होकर बीएसएफ में भर्ती होकर पापा का सपना साकार करूंगा। सेठी राम की मौत ट्रेन हादसे में हो जाएगी यह शायद परिवार वालों ने कभी सोचा नहीं था। वह भी ऐसे समय जब वह दीवाली पर घर छुट्टी पर लौट रहा था। दीवाली से पूर्व जहां घर का चिराग बुझ गया, वहीं पापा के हाथों पटाखों का इंतजार कर रहे सौरभ के सिर से भी साया उठ गया। तीन बेटियों के बाद मन्नत पूरी होने पर बेटा प्राप्त हुआ था। एक साथ परिवार में दीवाली मनाने की येाजना बन रही थी कि अचानक घर लौटते रास्ते से दुखभरी खबर मिलने पर मानो विश्वास न हो रहा हो।