भूमि देने पर भी नहीं मिला आइटीआइ को भवन
पप्पू कौशल, गंगथ उपतहसील गंगथ में लगभग आठ साल बीतने के बाद भी आइटीआइ को अपना भवन नहीं मिल पाया
पप्पू कौशल, गंगथ
उपतहसील गंगथ में लगभग आठ साल बीतने के बाद भी आइटीआइ को अपना भवन नहीं मिल पाया है। यह संस्थान किराये के भवन में चल रहा है। लोगों ने इस मुद्दे को दैनिक जागरण के पाठक मंच में उठाया। उन्होंने रोष प्रकट किया कि गंगथ में पहले इस प्रकार का संस्थान नहीं था पर सरकार ने इस मांग को तो पूरा कर दिया लेकिन भवन के अभाव में इसका फायदा लोगों को नहीं मिल सका।
लोगों ने बताया कि भवन के लिए 43 कनाल भूमि भी संस्थान के नाम कर दी है लेकिन आठ वर्ष बीतने के बाद भी आइटीआइ किराये के भवन में चल रही है। भवन की क्षमता कम होने से यहां तीन ही ट्रेड चल रहे हैं। मनचाहा ट्रेड न होने से विद्यार्थियों को अन्य आइटीआइ में मजबूरन जाना पड़ रहा है। अगर इसका अपना भवन होता तो यहां कई अन्य ट्रेड उपलब्ध होने थे। स्वरोजगार के लिए यह एक अच्छा माध्यम है लेकिन अभी तक इसका फायदा विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है। गंगथ में 31 अगस्त, 2008 को आइटीआइ खुली। चार ट्रेड शुरू में दिए गए लेकिन भवन की क्षमता न होने से किराये के भवन में चल रहे इस संस्थान में तीन ही ट्रेड चल रहे हैं। लोगों के अनुसार अगर इसका अपना भवन उपलब्ध हो जाए तो यहां कई अन्य ट्रेडों की व्यवस्था हो सकती है। लोगों ने सरकार से इस उपेक्षित क्षेत्र में उधार के भवन में चल रहे इस संस्थान को तुरंत भवन उपलब्ध कराने की मांग की है।
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क्या कहते हैं लोग
आइटीआइ को 43 कनाल भूमि उपलब्ध करवाने के बावजूद भवन का निर्माण कार्य शुरूनहीं हो पाया है। भवन के अभाव में यहां तीन ट्रेड ही चल रहे हैं। अगर इसका भवन होता तो यहां कई अन्य ट्रेडों के कोर्स शुरू होते तथा विद्यार्थियों को अन्य संस्थानों में न जाना पड़ता। भवन के अभाव में इसका फायदा लोगों को नहीं मिल सका है।
-सुभाष सेठी, प्रधान मानवाधिकार मंच खंड इंदौरा।
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सरकार को चाहिए कि बच्चों के भविष्य के लिए कदम उठाए। गंगथ में शीघ्र आइटीआइ को भवन उपलब्ध करवाया जाए ताकि अन्य ट्रेडों के कोर्स भी शुरू हो सकें।
-भुवनेश कुमार, वाइस चेयरमैन ब्लॉक समिति इंदौरा।
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यह अच्छी बात है कि सरकार ने गंगथ को आइटीआइ प्रदान की है पर भवन का होना अति आवश्यक है। भवन के अभाव में पूरे ट्रेडों के कोर्स नहीं चल पा रहे हैं। बच्चों को कोर्स के लिए नूरपुर व शाहपुर जाना पड़ रहा है। सरकार इस दिशा में तुरंत कदम उठाएं।
-प्रताप चौधरी, पूर्व उपप्रधान पंचायत भलाख।
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अच्छे कोर्स न होने से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। भवन के अभाव में यहां पूरे ट्रेड नहीं चल पा रहे हैं। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए यहां नए कोर्स शुरूहों तथा इसका भवन शीघ्र बने। सरकार इस पर तुरंत ध्यान दे।
-इमरान भट्टी निवासी गंगथ।
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''शुरुआत में यहां चार ट्रेड चल रहे थे। भवन की कमी से अब तीन ही ट्रेड हैं। यह आइटीआइ 31 अगस्त, 2008 को शुरू हुई थी। इसके भवन के लिए 43 कनाल भूमि उपलब्ध है और इसकी फाइल पूरी हो चुकी है व नक्शा भी तैयार है। जल्द भवन तैयार कर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।''
-रविंद्र कुमार, कार्यवाहक प्रधानाचार्य आइटीआइ गंगथ।