प्राचीन व आधुनिक शैली का समावेश होगा हिमानी चामुंडा मंदिर
सुरेश कौशल, योल प्राचीन काष्ठ नक्काशी व आधुनिक शैली के संगम से आदि हिमानी चामुंडा मंदिर का निर्
सुरेश कौशल, योल
प्राचीन काष्ठ नक्काशी व आधुनिक शैली के संगम से आदि हिमानी चामुंडा मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसमें शिमला व किन्नौर जिलों के विभिन्न मंदिरों के प्रारूप भी निर्माण में प्रयोग किए जाएंगे। दोनों जिलों के मंदिरों के दौरे पर गई कमेटी ने इस संबंध में एसडीएम को रिपोर्ट सौंप दी है। अभी इसका तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है।
आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के निर्माण के लिए शुरू की गई मुहिम अब मूर्त रूप लेने लगी है। विभिन्न जिलों में मंदिरों के निरीक्षण एवं अध्ययन के लिए गई चार सदस्यीय टीम ने मंगलवार को सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम धर्मशाला श्रवण मांटा को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें आदि हिमानी चामुडा मंदिर के लिए उपयुक्त प्रारूप की शिफारिशें शामिल हैं। मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 1.16 करोड़ रुपये बजट के टेंडर हो चुके हैं, अब वर्क अवार्ड शेष है। मंदिर प्रशासन ने चंद्रधार पर्वत पर मां कौशिकी के अवतार में आदि हिमानी चामुडा मंदिर के पुनर्निर्माण को अद्वितीय रूप में संजोने का निर्णय लिया है। इसी के चलते प्रशासन ने चार सदस्यीय टीम, जिसमें कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र शर्मा, निर्माण कार्य के ठेकेदार पल्लव मेहरा, मंदिर न्यास के डॉ. कुलदीप शर्मा व ओंकार चंद को प्राचीन मंदिरों की शैली का अध्ययन करने के लिए भेजा था। न्यास सदस्य डॉ. कुलदीप शर्मा ने बताया कि टीम किन्नौर व भीमाकाली मंदिर, नारकंडा के हेल्टू मंदिर, सुंगरा के उच्चा देवी व सराहन के महादेव मंदिरों का दौरा कर प्राचीन शैली काष्ठकला का अध्ययन किया। वहीं लकड़ी की नक्काशी का अवलोकन कर इसी शैली का स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें प्राचीन व आधुनिक शैली मिश्रित होगी।
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आदि हिमानी चामुंडा का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर निर्माण की कला प्राचीन काष्ठ व आधुनिक शैली का मिलाजुला रूप होगा।
इसका अध्ययन करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी ने प्रदेश के विभिन्न मंदिरों का दौरा किया। कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है। उसका तकनीकी अध्यय
न किया जाएगा।
-श्रवण मांटा, सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम धर्मशाला।