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मालग की रामेश्वरी को 'दुखहर्ता' का इंतजार

शिवालिक नरयाल, भवारना मां..भगवान की बनाई ऐसी रचना जो बच्चे का दर्द कभी सहन नहीं कर सकती। बच्चे की

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 09:12 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 09:12 PM (IST)
मालग की रामेश्वरी को 'दुखहर्ता' का इंतजार

शिवालिक नरयाल, भवारना

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मां..भगवान की बनाई ऐसी रचना जो बच्चे का दर्द कभी सहन नहीं कर सकती। बच्चे की हर खुशी, हर सुख-सुविधा के लिए जान तक न्योछावर कर देती है, लेकिन जब उसी मा को दर्द हो और उसके बच्चे भी कुछ न कर पाएं तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है। नियति ने कुछ ऐसा ही खेल खेला है उपमंडल के गाव मालग की रामेश्वरी देवी (55) के साथ।

उम्रभर दिहाड़ी-मजदूरी कर रामेश्वरी ने पति निर्मल (60) के साथ जो थोड़ा बहुत पैसा जमा किया वह बच्चों के पालन पोषण में लगा दिया। सोचा था दो बेटे हैं बड़े होकर कुछ बन जाएंगे तो बुढ़ापा आराम से कटेगा, लेकिन किस्मत की मार देखिए, बेटे तो कुछ बन न सके पर रामेश्वरी देवी को दिल की बीमारी ने घेर लिया। चिकित्सकों ने बताया कि रामेश्वरी देवी के दिल का एक वाल्व खराब है। इसका ऑपरेशन आइजीएमसी शिमला में होगा। पति निर्मल के साथ-साथ दोनों बेटे भी दिहाड़ी मजदूरी ही करते हैं। निर्मल भी अक्सर बीमार ही रहते हैं। छोटी बेटी अभी पढ़ाई कर रही है। ऐसे में घर का गुजारा चलाना ही मुश्किल है तो बीमारी कौन देखे।

गरीबी तो सह लेते हैं पर बिना इलाज के बीमारी नहीं सही जाती

रुंधे हुए गले से रामेश्वरी बताती हैं कि भगवान किसी को गरीबी न दे और दे भी तो किसी दुश्मन को भी बीमारी न दे। गरीबी तो सही जाती है लेकिन बिना इलाज के बीमारी नहीं सही जाती। बच्चों और परिवार के सामने तिल-तिल कर मरने से तो अच्छा है भगवान ऐसे ही मौत दे दे।

सात लाख आएगा इलाज का खर्च

रामेश्वरी के दिल की बीमारी का अनुमानित खर्च छह-सात लाख बताया है। रामेश्वरी देवी इलाज के लिए अब दर-दर की ठोकरें खा रही है। रामेश्वरी देवी को एक ऐसे अदद मददगार की जरूरत है जो उसका इलाज करवा सके या कोई संस्था आगे आए जो खर्च वहन करे। रामेश्वरी देवी ने विधायक समेत सामाजिक संस्थाओं से मदद की गुहार लगाई है।

न बीपीएल न आइआरडीपी में परिवार

पंचायतों में जहा अमीरों के घर में अब बीपीएल के सूचना पट्ट लगने से उन्हें शर्म आ रही है वहीं इस गरीब परिवार का नाम काफी समय पहले ही बीपीएल की सूची से काट दिया गया है। लोगों की आपत्ति थी कि यह परिवार पिछले 20-25 साल से बीपीएल में शामिल है। इसलिए अब इसका नाम काट दिया गया है। न ही परिवार आइआरडीपी में।

गरीब परिवार की मदद की जाए

ग्राम पंचायत मालनु के प्रधान नवजीवन शर्मा का कहना है कि यह बहुत ही गरीब परिवार है। इनकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि ये इतना खर्च उठा पाएं। विधायक और सामाजिक संस्थाएं इस गरीब परिवार की मदद के लिए आगे आएं।

हर संभव सहायता की जाएगी

मुख्य संसदीय सचिव एवं विधायक सुलह जगजीवन पाल ने बताया कि यह बात उनके ध्यान में आई है। रामेश्वरी देवी की हर संभव सहायता की जाएगी। मरीज बीमारी संबंधी दस्तावेज और एक एस्टीमेट बनाकर आगामी कार्रवाई के लिए दें।


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