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जहां होता भविष्य तैयार, वहां अंधकार क्यों सरकार

संवाद सहयोगी, भवारना : जहां से भविष्य की नींव रखी जाती है वहां अंधकार क्यों है सरकार। भले ही धर्

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 10:05 PM (IST)
जहां होता भविष्य तैयार, वहां अंधकार क्यों सरकार

संवाद सहयोगी, भवारना : जहां से भविष्य की नींव रखी जाती है वहां अंधकार क्यों है सरकार। भले ही धर्मशाला के तपोवन में आई सरकार के शीतकालीन सत्र के लिए लाखों खर्च कर दिए जाएंगे लेकिन 1700 रुपये में घर चलाने वाले एक तबके को दो माह से वेतन न मिलने से खाने के भी लाले पड़ गए हैं।

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यह अंशकालीन कर्मचारी पिछले दो माह से निरंतर मुफ्त में सेवाएं देने के लिए मजबूर हैं। जिस किराने की दुकान से उधार का राशन खाकर पिछले दो महीने से दुकानदार को यह कह रहे हैं कि वेतन मिलते ही उधार चुकता कर देंगे अब उस दुकानदार ने भी राशन देने से मना कर दिया है। यह हाल है शिक्षा खंड भवारना के तहत 87 प्राथमिक स्कूलों में तैनात अंशकालीन जलवाहकों का। उन्हें पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। कुछ जलवाहकों ने बताया कि इस बार उनकी दीवाली भी वेतन न मिलने से फीकी रही। नवंबर में दीवाली थी और अक्टूबर से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों की नीति के अनुसार 2002 से नौ साल के बाद उन्हें दैनिक वेतनभोगी बनाए जाने की नीति थी लेकिन इसके बाद नई सरकार बनने के बाद इस नीति में फेरबदल कर इसकी अवधि आठ साल कर दी जबकि 1996-97 की नीति के मुताबिक सात साल के बाद अंशकालीन कर्मी सीधा ही नियमित हो जाता था। उन्होंने बताया कि भवारना शिक्षा खंड कार्यालय के अधीन आते स्कूल वारी में एक जलवाहक आठ वर्ष पूरे करने के बाद बिना किसी वित्तीय लाभ के ही सेवानिवृत्त हो गई। आठ साल तक स्कूल में सेवा के बदले इस तरह से हुई सेवानिवृत्ति के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए। अंशकालीन जलवाहकों का आरोप है कि अध्यापकों का वेतन तो हर माह समय से उनके खातों में पड़ जाता है फिर उनके वेतन में विभाग के पास बजट क्यों कम पड़ जाता है। अंशकालीन जलवाहकों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को खंड प्रारंभिक अधिकारी भवारना से भी मिला। अधिकारी ने जलवाहकों को बताया कि उनके एक माह का वेतन बैंक में जमा करवा दिया है व जल्द ही उनके खातों में यह पैसा आ जाएगा। उधर, प्रारंभिक खंड शिक्षा अधिकारी काता देवी ने बताया कि बीपीईओ का पद रिक्त होने से यह समस्या आई है। इन कर्मियों के वेतन के लिए बजट भी नहीं था। बजट का प्रावधान कर अंशकालीन जहवाहकों का एक माह का वेतन बैंक में जमा करवा दिया है। जल्द ही यह पैसा उनके खातों में आ जाएगा।


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