पौंग जलाशय में मछली उत्पादन बढ़ने के आसार
प्रदीप शर्मा, नूरपुर कागड़ा जिला के प्रमुख पौंग जलाशय में वर्तमान वर्ष में मछली का उत्पादन बढ़न
प्रदीप शर्मा, नूरपुर
कागड़ा जिला के प्रमुख पौंग जलाशय में वर्तमान वर्ष में मछली का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं। दो माह के प्रतिबंध के बाद शनिवार को मछली बाजार में आई है। मछली बाजार में आने से मछली खाने के शौकीन लोगों ने राहत की सास ली है। शनिवार को पौंग जलाशय में 18 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन दर्ज किया गया है। गत वर्ष प्रतिबंध के बाद पहले दिन 16 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था जबकि इस साल प्रतिबंध के बाद पहले ही दिन 18 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ जोकि पिछले साल की तुलना में दो मीट्रिक टन ज्यादा है। जून व जुलाई माह में प्रजनन का सीज़न होता हैं जिसके कारण विभाग मत्स्य आखेट पर हर साल प्रतिबंध लगाता है।
पिछले साल अकेले पौंग जलाशय में 474 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था तथा इस साल मत्स्य विभाग नें पौंग जलाशय में 72 लाख मछली का बीज डाला है। विभाग ने पौंग जलाशय में 40 एमएम से अधिक साइज़ का बीज डाला है जिससे इस साल मछली का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। पौंग जलाशय में 15 मत्स्य सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग दो हजार मछुआरे मत्स्य आखेट से जुड़े हुए हैं व मत्स्य आखेट से ही बह अपने परिवारों का पालन पोषण कर रहे हैं। मत्स्य विभाग के बिलासपुर स्थित निदेशक गुरचरण सिंह ने बताया कि दो माह के प्रतिबंध के बाद पहले ही दिन पौंग जलाशय में 18 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल पौंग जलाशय में पिछले साल की तुलना से मछली का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं। पौंग जलाशय में इस साल 72 लाख 40 एमएम से बडे़ साइज का मछली का बीज डाला गया है। बड़े साइज का बीज डालने से मछली का उत्पादन ज्यादा होने के आसार हैं। वहीं दो माह के प्रतिबंध के बाद बाजार में मछली आने से मछली खाने के शौकीन लोग भी खुश हैं क्योंकि पौंग जलाशय मे तैयार होने वाली मछली की देश भर में अलग पहचान है।