युवा स्वर संवाद में नहीं उठी बेरोजगारी की आवाज
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नगरोटा बगवां में आयोजित बाल मेले में युवा स्वर संवाद से युवा शक्ति के बल
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नगरोटा बगवां में आयोजित बाल मेले में युवा स्वर संवाद से युवा शक्ति के बल पर परिवहन मंत्री की राजनीतिक घोषणा को आधार तो नहीं मिल पाया लेकिन इस कार्यक्रम में युवाओं ने बाली को मुख्यमंत्री के रूप में देखने के लिए अपने सीधे संवाद में राजनीतिक ताना-बाना जरूर बुना है।
रोजगार अधिकार यात्रा के लिए युवाओं से मिले इस बल के बाद बाली ने भी फैसला लिया है कि अब यह युवा स्वर संवाद प्रदेश के हर जिले में होगा। पहला कार्यक्रम हमीरपुर में होगा। हमीरपुर के एक युवक सुशांत भाटिया के सवाल पर बाली ने यह फैसला मौके पर ही लिया। सुशांत भाटिया का सवाल था कि आपके क्षेत्र के विकास को देखकर हमीरपुर के युवा स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। डेढ़ घंटे के इस कार्यक्रम में किसी भी युवक ने यह सवाल ही नहीं किया कि सरकार की बेरोजगारी को दूर करने के लिए नीति क्या है। मौके पर मौजूद युवाओं ने सवाल की भूमिका ही नगरोटा बगवां के विकास से बांधी और इसके बाद फिर प्रश्न का रुख ही उनके भावी नेतृत्व से जुड़कर प्रदेश के मुद्दों पर पहुंच रहा था। इस पर बाली ने हस्तक्षेप किया कि इस कार्यक्रम का विषय बेरोजगारी को लेकर है और यह आप मुद्दे से भटक रहे हैं। बाली ने स्पष्ट किया कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मद्दा है और इसमें राजनीतिक द्वेश और प्रताड़ना प्रमुख है लेकिन उनका यह प्रयास है कि प्रदेश में ऐसी परिस्थितियां बनानी हैं कि बेरोजगारी दूर हो सके। स्वर संवाद में कुछ युवाओं ने व्यावहारिक प्रश्न उठाए? सुरजीत भरमौरी ने छात्र चुनाव पर लगे प्रतिबंध व रूसा के संबंध में सवाल उठाया। पुनीत सूद, सुरेंद्र मोहन, इंतसार अली व साजिद अली ने शिक्षण संस्थानों में संसाधनों की कमी व डिग्री के बाद रोजगार की तलाश में सरकार के योगदान आदि मुद्दों को उठाया।
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रघुवीर बाली ने भी पूछी प्राथमिकताएं
जीएस बाली के बेटे व कांग्रेस के सचिव रघुवीर बाली ने प्रश्न किया कि अगर युवाओं की आवाज आपके लिए सौभाग्यशाली हो जाए तो प्रदेश के लिए पांच प्राथमिकताएं क्या रहेंगी। आप कई बार मंत्री का पद छोड़ने को क्यों तैयार हो जाते हो?
जवाब में बाली ने कहा कि वह व्यवस्था से परेशान हैं। जब वह यह सोचकर दुखी हो जाते हैं कि सरकार में होने के बावजूद भी अपनी भूमिका को अदा नहीं कर पाए तो वे इस पशोपेश में होते हैं कि क्या फैसला लें। उन्होंने प्राथमिकताओं में प्रदेश में शांति की बहाली, विधवा व वरिष्ठ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना व ऐसी शिक्षा का ढांचा तैयार करवाना है जो रोजगार दे सके। विकास के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से प्रदेश में ढांचागत सुविधाएं मुहैया करवाना व स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुणवत्ता की सुविधाएं प्राप्त करवाना शामिल हैं।