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आटा चक्कियों में चल रही जुगाड़ तकनीक

शिवालिक नरयाल, भवारना : आधुनिकता के दौर में भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे काम हैं जो जुगाड़ तकनीक स

By Edited By: Published: Sun, 26 Jul 2015 12:29 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2015 12:29 AM (IST)
आटा चक्कियों में चल रही जुगाड़ तकनीक

शिवालिक नरयाल, भवारना : आधुनिकता के दौर में भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे काम हैं जो जुगाड़ तकनीक से चलाए जाते हैं। इससे एक ओर जहां ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है वहीं विभाग के नियमों को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है। जुगाड़ तकनीक का ऐसा ही मामला उपमंडल पालमपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आया है। यहां पर लगाई गई आटा व धान चक्की की मशीनों में जब भी कोई ग्रामीण अपनी गेहूं पिसवाने या धान निकलवाने आता है तो सबसे पहले इनका वजन किया जाता है ताकि वजन के हिसाब से मशीन मालिक इनकी पिसाई काट सके। लेकिन इसका वजन मशीन मालिक बट्टों के साथ पत्थर से भी कर देते हैं। इससे जहां मशीन मालिक वजन में हेराफेरी कर जाता है। वहीं बाद में पिसाई भी अधिक ले लेता है।

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नियमों के मुताबिक हर साल इन बट्टों पर विभाग की मुहर लगवानी जरुरी होती है, ताकि ग्राहकों को सही मात्रा में तोल कर ही वस्तु अथवा कोई ची•ा मिले। विभाग अपनी जांच में यह परखता है कि बट्टों में घिसाई के कारण वजन तो कम नहीं हो गया है जांच कर अपनी मुहर इन बट्टों पर लगाते हैं।

क्या हैं नियम---

माप तोल विभाग ऐसे सभी दुकानदारों अथवा मशीन मालिकों को एक जगह पर शिविर लगा कर बट्टों पर मुहरें लगाने का काम लगभग पूरा साल चलाया जाता है। इसमें सभी को अपने बट्टों, भार तोलने वाले कंडो, कपड़ा नापने वाले मीटरों पर मुहर लगवाना जरूरी होता है।

ये सब पिसता है इन आटा चक्की मशीनों में

गांव में पानी से चलने वाले घराटों की जगह अब विद्युतचलित इन मशीनों ने ले ली है। इन मशीनों में लोग अपने धान की फसल को कटवाने के साथ गेहूं, चावल, चने की दाल, अमचूर, हल्दी समेत कुछ अन्य वस्तुओं को पिसवाते हैं। मशीन मालिक इन सब वस्तुओं को पीसने से पहले मशीन में लगाए भार तोलने वाले कंडे में इनको पत्थरों और बट्टों से तोलता है और यहीं से उनका ग्रामीणों को ठगने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

--विभाग समय-समय पर विभिन्न जगहों पर शिविर लगाकर बट्टों पर मुहर लगाता है। ग्रामीण इलाकों पर भी कोताही बरतने वालों के खिलाफ छापे मारे जाते हैं जिनका चालान करके जुर्माना किया जाता है। फिर भी यदि कोई मशीन मालिक इस तरह से बट्टों की जगह भार तोलने के लिए पत्थरों का प्रयोग कर रहे हैं तो अवश्य ही उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

-आरके वाधवा,सहायक नियंत्रक, माप तोल विभाग, धर्मशाला मंडल।


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