सपना ही रहा 24 घटे पेयजल
संवाद सहयोगी, नूरपुर : नूरपुरवासियों ने दो वर्ष पहले 24 घटे पेयजल की आपूर्ति का सपना देखा था, लेकिन
संवाद सहयोगी, नूरपुर : नूरपुरवासियों ने दो वर्ष पहले 24 घटे पेयजल की आपूर्ति का सपना देखा था, लेकिन यह अब भी हकीकत नहीं बन पाया। सरकार ने नूरपुर केसाथ साथ पालमपुर, कागड़ा, रामपुर, नाहन, बद्दी, परवाणु व पांवटा साहिब में 24 घटे पेयजल आपूर्ति का एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया था। यह पायलट प्रोजेक्ट लोक निजी सहभागिता ( पीपीपी ) के तहत तैयार किया गया था। सरकार ने इसको शुरू करने के लिए मई, 2014 में टैंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन किसी भी कंपनी व फर्म ने टैंडर नहीं डाला। जिससे यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया व नूरपुरवासियों को 24 पेयजल आपूर्ति उपलब्ध करवाने का सपना चकनाचूर हो गया। सरकार ने प्रदेश के आठ शहरों में पीपीपी योजना के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया था जिसके चलते इन शहरों में 24 घटे पेयजल की आपूर्ति की जानी थी।
यह प्रोजेक्ट तीस साल के लिए तैयार किया था, सत्तापक्ष से जुड़े नेता भी इस पायलट प्रोजेक्ट को अपनी एक बड़ी उपलब्धि का दावा कर रहे थे , लोग भी खुश थे कि उन्हें अब 24 घटे पेयजल की आपूर्ति मिलेगी क्योंकि वर्तमान में नूरपुर की जनता को दिन में मात्र 40 से 45 मिनट ही पानी मिलता हैं। उक्त पायलट प्रोजेक्ट के खटाई में जाने से लोगों में निराशा हैं। वित्तीय अस्तित्व न होने से कोई भी कंपनी व फर्म टैंडर डालने के लिए आगे नही आई। किसी भी कंपनी व फर्म की ओर से इस पायलट प्रोजेक्ट का टैंडर न डालने से अब आइपीएच विभाग ने एक पुनर्निरीक्षण कमेटी बनाई हैं जो इस प्रोजेक्ट को शुरु करने की संभावनाओं का पता लगाएगी।
वहीं, समाज सेवी संस्था जन चेतना के अध्यक्ष रवि पुरी, मुख्य सलाहकार विनोद महाजन, संयोजक राजीव महाजन व महासचिव जसबंत पुरी ने सरकार से माग की है कि नूरपुर शहर की वर्तमान पेयजल योजना का विकास व विस्तार किया जाए ताकि शहरवासियों को कम से कम दिन में दो बार पीने के पानी की सप्लाई मिल सके।
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कमेटी का किया है गठन
''इस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर बीते वर्ष मई में विभाग ने टैंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन किसी भी कंपनी व फर्म ने टैंडर नहीं डाला। विभाग ने एक कमेटी का गठन किया है जो इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने की संभावनाओं का पता लगाएगी।''
-अनिल बाहरी, मुख्य अभियंता, आइपीएच विभाग, धर्मशाला।