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हिमाचल के स्टोन क्रशर पंजाब के खनन उद्योग पर भारी

आरोप नियमों को ताक पर रख कर लूट रहे हैं खनिज बिना अनुमति के हो रहा खनन संवाद सहयोगी, जसूर : उ

By Edited By: Published: Sat, 04 Jul 2015 10:25 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2015 10:25 PM (IST)
हिमाचल के स्टोन क्रशर पंजाब के खनन उद्योग पर भारी

आरोप

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नियमों को ताक पर रख कर लूट रहे हैं खनिज

बिना अनुमति के हो रहा खनन

संवाद सहयोगी, जसूर : उपमंडल नूरपुर के पंजाब से जुड़े सीमांत क्षेत्रों में लगे अधिकांश स्टोन क्रशर नियमों की सरेआम धज्जिया उड़ाते हुए कथित मिलीभगत से बेधड़क अवैध खनन का कार्य कर रहे हैं। यह सीमा पार के पंजाब स्थित क्रशर उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह आरोप पंजाब स्टोन क्रशर संघ के अध्यक्ष संजय आनंद एवं पदाधिकारी साहिब सिंह ने जसूर में पत्रकारों से बातचीत में लगाए।

उक्त पदाधिकारियों के अनुसार हिमाचल व पंजाब की उपमंडल नूरपुर स्थित सीमा पर इस वक्त लगभग 60 की संख्या में स्टोन क्रशर हैं जिनके पास खनन की लीज तक नहीं है और यह बेखौफ होकर धड़ल्ले से अवैध खनन में संलिप्त हैं। सरकारी व गैर सरकारी खड्डों व चक्की उपनदी में खनिज पदार्थ को लूट कर भारी चादी कूट रहे हैं।

उक्त पदाधिकारियों के अनुसार कोई भी स्टोन क्रशर खनन विभाग से जारी एम फार्म के बिना माल नहीं उठा व बेच सकता है लेकिन सीमा पर लगे यह क्रशर बिना एम फार्म के खनिज पदार्थ को बेच रहे हैं। यह क्रशर सरकार को कर की अदायगी भी उचित रूप से नहीं कर रहे हैं जिससे प्रतिदिन सरकार के खजाने को भी भारी चपत लगाई जा रही है। इनसे बैरियरों पर भी कोई एंट्री नहीं करवाई जा रही है। पदाधिकारियों के अनुसार 13 के करीब क्रशर जो सरकारी रिकार्ड में तो बंद हैं लेकिन वास्तव में यह सभी अब भी कार्यरत हैं। नियमों को ताक पर रखकर चक्की व आसपास की खड्डों को सरेआम लूटा जा रहा है।

पदाधिकारियों ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि सीमान्त क्षेत्रों के इन क्रशरों से रोजाना 9 सौ से लेकर 12 सौ तक ट्राले ट्रक माल उठाते हैं। नियमानुसार एक ट्राले की 6 हजार रुपये की रायल्टी बनती है लेकिन इन सब नियमों का उल्लंघन कर प्रतिदिन हिमाचली खजाने में करोड़ों की चपत लगाई जा रही है। जिसके कारण इन सीमान्त क्षेत्रों के क्रशरों से पंजाब में माल सप्लाई करने से जिला पठानकोट ए गुरदासपुर व होशियारपुर में कार्यरत क्रशर जो पूरे नियमों से कार्य कर रहे हैं उन्हें भारी आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ रहा है जोकि बंद होने की कगार पर हैं।

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..सरकार के निर्धारित एम फार्म के बिना सीमावर्ती क्रशरों के माल बेचे जाने के कारण हिमाचल और पंजाब के रेत-बजरी के दामों में भारी अंतर है। यह मामला हिमाचल के खनन विभाग से उठाया गया है।

..बलविंदर वालिया जीएम खनन विभाग जिला पठानकोट।

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प्रदेश में रायल्टी की दर स्टोन क्रशरों की ओर से प्रयोग की गई बिजली के आधार पर निर्धारित है जिसे 60 रुपये मीट्रिक टन के हिसाब से लिया जाता है। क्रशर पंचायत कर व अन्य कर भी चुका रहे हैं। अधिकांश क्रशरों के पास जमीन की लीज है व एम फार्म भी हैं और कुछ ने इन्हें प्राप्त करने के लिए आवेदन भी कर रखा है।

...प्रीतपाल सिंह प्रभारी खनन विभाग नूरपुर।

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क्रशरों द्वारा बिना कर दिए माल बेचने की अभी तक कोई भी शिकायत नहीं मिली है फिर भी संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को इस बारे जाच के आदेश दिया जा रहे हैं।

..विवेक महाजन सहायक आबकारी व कराधान आयुक्त राजस्व जिला नूरपुर।


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