थुरल क्षेत्र में सांड़ का आतंक
संवाद सहयोगी, थुरल : यहां एक सांड के आतंक से थुरल पंचायत के हलूं, थाणा, भनाड़, नलेहड़ व नौण आदि गांवों
संवाद सहयोगी, थुरल : यहां एक सांड के आतंक से थुरल पंचायत के हलूं, थाणा, भनाड़, नलेहड़ व नौण आदि गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है। लगभग एक माह में बैल छह लोगों को अपना शिकार बना चुका है, जिसमें दो लोगों की हड्डियां टूट गई जबकि कई लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई।
जब से क्षेत्र में इस पागल सांड का आतंक फैला है लोगों ने सुबह शाम सैर करना बंद कर दिया है। बैल का शिकार हो चुके लोगों बख्शी चंद ओर म¨हद्र चौहान की बैल के हमले से हड्डी टूट गई है जबकि रवि कुमार, सरुप राणा, सुरेश राणा, म¨हद्र ¨सह व सागर आदी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने पागल बैल से या तो भाग कर जान बचाई या उनको मामूली चोटें ही आई हैं।
यदि शीघ्र संबधित विभाग ने पागल बैल पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो यह जानवर गंभीर घटना को अंजाम दे सकता है। रोजाना सैर के लिए जाने वाले लोगों तिलक राज, कुमेर चंद, लेख राज, नीलम, प¨वद्र शर्मा, विकास सूद, संजय चौहान, अशोक चौहान, नीटू, रवि, आशू, लोकू, गुरजीत आदि ने पशुपालन विभाग से मांग की है कि इस सांड का या तो इलाज किया जाए या इसे इस क्षेत्र से ले जाकर किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।
ग्राम पंचायत थुरल के प्रधान कृपाल ¨सह का कहना कि कुछ समय पहले इस जानवर की आक्रामकता को कम करने के लिए पशुपालन विभाग पालमपुर के कर्मचारियों ने कुछ यत्न किए थे लेकिन यह दोबारा बेकाबू हो चुका है जिस बारे संबंधित विभाग और प्रशासन को सूचित कर सांड़ के आतंक से क्षेत्र को मुक्त करने की अपील की जाएगी।
पशुपालन विभाग के डॉ. सुनील शर्मा का कहना है कि इस बारे में लोगों को पहले प्रशासन को सूचित कर वन्य प्राणी विभाग की सहायता से जानवर को शांत करना होगा तभी हम इस प्रकार के जानवर का इलाज कर सकते हैं। यदि फिर भी यह बेकाबू रहा तो इसे कैद करके रखना ही इसका हल होगा।