प्रभावित ने तहसीलदार को सुनाया दुखड़ा
संवाद सहयोगी, थुरल : हाईकोर्ट की ओर से वन भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने के आदेशों के बाद वन विभाग की
संवाद सहयोगी, थुरल : हाईकोर्ट की ओर से वन भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने के आदेशों के बाद वन विभाग की मुहिम ने कई लोगों की नींद उड़ा दी है। वन विभाग ने ¨सचाई एंव जन स्वास्थ्य विभाग की सहायता से वन भूमि पर अवैध तौर पर निर्मित कौना पंचायत, थुरल पंचायत के कई घरों के पानी के कनेक्शन काट दिए हैं वन विभाग के अनुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी डरोह और जय¨सहपुर के तहत कुल 187 अवैध कब्जाधारकों पर विभाग का शिकंजा कसेगा। पानी के कनेक्शन कटने के साथ ही लोगों में इस बात को लेकर हड़कंप मच गया है कि उम्रभर की कमाई लगा कर जिस आशियाने का निर्माण किया अब उसी से बेघर होने की नौबत आ गई है। विभाग के इस रवैये के बाद वीरवार को कौना पंचायत के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल नायब तहसीलदार थुरल से मिलकर जहां अपनी व्यथा सुनाई वहीं प्रदेश मुख्यमंत्री और वन विभाग से तहसीलदार के माध्यम से गुहार लगाई। पीड़ित लोगों को बेघर करने के बजाए वन विभाग कब्जा धारकों से भूमि ले ले और भूमिहीनों से जमीन की कीमत चुकाने की इजाजत दी जाए। लोगों में इस बात को लेकर भी भय की स्थिति बनीं हुई है कि पानी के बाद यदि बिजली काट दी गई तो घरों में रहना दूभर हो जाएगा। कौना पंचायत 5 जुलाई के कोरम में प्रस्ताव पारित कर पीड़ित लोगों के प्रति सरकार और वन विभाग को बेघर करने के बजाए भूमि का तबादला करने के बारे में अपील करेगा।
नायब तहसीलदार थुरल ठाकुर ¨सह ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने विभाग के माध्यम से अपील को उपमंडल अधिकारी पालमपुर के समक्ष प्रेषित कर दिया है। पीड़ित परिवार के मुखिया सूबेदार महेंद्र ¨सह का कहना है कि घरों का निर्माण पुशतैनी जमीन पर ही किया है। वन विभाग को निर्माण कार्य चलते समय इसे रोकना चाहिए था। अब निर्माण हो गए हैं तो वन विभाग जमीन के बदले जमीन ले कर राहत दे। वन परिक्षेत्र अधिकारी संजीव ¨सह का कहना है कि अभी तक विभाग की न ही कोई जमीन की तबादला स्कीम है ओर न ही वन विभाग में अवैध कब्जाधारकों को भूमि बेचने का प्रावधान है।