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कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली गोवंश के लिए हानिकारक : वेद प्रकाश

जागरण संवाद केंद्र, कांगड़ा : कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली गोवंश के लिए हानिकारक है। इससे गाय में बांझपन

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 05:09 PM (IST)
कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली गोवंश के लिए हानिकारक : वेद प्रकाश

जागरण संवाद केंद्र, कांगड़ा : कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली गोवंश के लिए हानिकारक है। इससे गाय में बांझपन की अधिक आशंका रहती है। हिमाचल प्रदेश ब्राह्माण कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंडित वेद प्रकाश शर्मा ने सरकार व पशुपालन विभाग से इस प्रणाली को खत्म करने की मांग की है। पूर्व में प्राकृतिक गर्भाधारण की प्रक्रिया से गोवंश में बांझपन की संभावना कम रहती थी। इससे गोवंश सड़कों पर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश नहीं रहता था लेकिन जब से कृत्रिम गर्भाधान शुरू हुआ है, गोवंश में बांझपन बढ़ा है व लोगों ने इन्हें खुला छोड़ना शुरू कर दिया। गोवंश को बेसहारा छोड़ना ¨हदू समाज के लिए दुखदायी है। सरकार सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों को इस ओर कारगर कदम उठाने चाहिएं ताकि गोमाता को आदर सम्मान मिल सके।

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वहीं, उन्होंने रावण को बहुत बड़ा विद्वान बताते हुए कहा कि शास्त्रों के अनुसार उन्हें भगवान शंकर का कुल पुरोहित बताया गया है। भगवान शंकर वास्तव में राम के आराध्य हैं। इसका उदाहरण रामेश्वरम में आज भी विद्यमान है। भगवान राम के आराध्य भोले शंकर और उनके कुल पुरोहित रावण के जीवन चरित्र को धर्म के ठेकेदारों ने अत्याधिक विकृत रूप में दर्शाने का कार्य किया है। तुलसी दास ने भी रामायण में रावण को कुटिल, पथ भ्रष्ट नहीं बताया है। उन्होंने रावण दहन को औचित्यहीन बताया है। उन्होंने कहा कि रावण दहन की प्रथा को भविष्य में बंद करना चाहिए।


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