निजी बस आपरेटरों ने किया सस्ते किराये की बसों का विरोध
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : सरकार! यदि निजी बस आपरेटरों की मांग को पूरा न किया गया तो बस आपरेटर बैंक
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : सरकार! यदि निजी बस आपरेटरों की मांग को पूरा न किया गया तो बस आपरेटर बैंक डिफाल्टर हो जाएंगे। निजी बस आपरेटरों से जुड़े हजारों चालक व परिचालक भी बेरोजगार हो जाएंगे। मटौर में निजी बस आपरेटरों की जिलास्तरीय बैठक में सभी बस आपरेटरों ने सरकार से टैक्स माफ करने की मांग की है, ताकि वह भी कम किराये पर जनता को बस सुविधा प्रदान कर सकें।
निजी बस आपरेटरों ने कहा कि जेएनएनयूआरएम की कम किराये वाली बसों को गैर कानूनी ढंग से चलाया जा रहा है। एक ही प्रदेश में दो तरह के बस किराये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा अस्थायी समयसारिणी पर भी रोष प्रकट किया। आपरेटरों का आरोप था कि अपनी मनमर्जी से समयसारिणी निर्धारित की जा रही है और निजी बस आपरेटरों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। इसी वजह से निजी बस आपरेटरों को आत्मदाह जैसे आत्मघाती कदम उठाने पर विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही बीच का रास्ता निकाले, क्योंकि हजारों चालक-परिचालक भी बेरोजगार होंगे। इस अवसर पर एक संयुक्त संघर्ष समिति का भी गठन किया गया। इसमें प्रवीन दत्त शर्मा को अध्यक्ष व अर्जुन सिंह को सचिव पद की कमान सौंपी गई। निजी बस आपरेटरों ने मांग की है कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए अन्यथा संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा।