बेहतर दुग्ध क्षमता वाले पशु होंगे तैयार
संवाद सहयोगी, पालमपुर : हिमाचल में भी अन्य प्रदेशों की तरह अधिक दूध देने वाले पशु तैयार किए जा
संवाद सहयोगी, पालमपुर :
हिमाचल में भी अन्य प्रदेशों की तरह अधिक दूध देने वाले पशु तैयार किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश पशुपालन विभाग ने अब उन्नत किस्म के पशु तैयार करने का प्रबंध कर लिया है। देश में चल रही आनुवांशिकी सुधार योजना को प्रदेश में अपनाया जाने लगा है। पशुओं में नस्ल सुधार की सबसे तीव्र विधि से भ्रूण प्रत्यारोपण किया जाएगा। उपमंडल के बनूरी में स्थापित भ्रूण प्रत्यारोपण प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला के शुरू होने से अब प्रदेश में डेयरी उद्योग को दोनों स्वरूपों घरेलू और व्यावसायिक क्षेत्र में भी क्रांति आना संभव हो गया है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय गाय एवं भैंस प्रजनन परियोजना के तहत प्रदेश के लिए स्वीकृत प्रयोगशाला भवन का कार्य पूर्ण होने के बाद इसमें सभी प्रकार के उपकरण स्थापित कर दिए गए हैं। विभाग ने इस परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू कर दिया है।
परियोजना के तहत अब नवीनतम तकनीक से तैयार दुधारू गाय व भैंसों के रखरखाव के लिए एक अन्य परियोजना तैयार कर केंद्र को भेज दी है। जिसके अंतर्गत विदेशों से भी जर्सी गाय का भ्रूण आयात किया जाएगा। परियोजना के तहत प्रदेश में उन्नत दुग्ध उत्पादन क्षमता की गायों एवं वीर्य तृण बनाने के लिए उन्नत नस्ल के सांड भी तैयार होंगे। प्रयोगशाला में इस विधि से भ्रूण तैयार कर भविष्य के लिए सुरक्षित किया जा सकेगा। जिससे गौसदानों की आय भी बढ़ेगी ।
क्या है विधि :-
प्रयोगशाला का कार्य देख रहे पशुपालन विभाग पालमपुर के सहायक निदेशक डा. संदीप जसयाल ने बताया कि इस विधि द्वारा उन्नत अनुवांशिक क्षमता वाले नर व मादा से भ्रूण का उत्पादन करके कम उत्पादन क्षमता वाले मादा पशुओं में प्रत्यारोपण किया जाता है। इस विधि से एक वीर्यतृण से कई गुणा वीर्यतृण तैयार होंगे वहीं बेहतर नस्ल के नर व मादा का भ्रूण कम क्षमता वाली मादा के गर्भाशय में डालकर बेहतर नस्ल का बच्चा तैयार किया जाता है।
इस प्रौद्योगिकी की व्यावहारिक जानकारी के लिए विभाग के तीन पशु चिकित्सकों को जर्मनी में प्रशिक्षित भी किया है। साथ ही दो पशु चिकित्सकों को कलसी उत्तराखंड में भी प्रशिक्षण दिलवाया गया है।