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पठानकोट-लेह रेलमार्ग को मिली मंजूरी

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : संसद सदस्य शांता कुमार ने पठानकोट-लेह रेलमार्ग के निर्माण को मंजूरी प्रद

By Edited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 11:51 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 11:51 PM (IST)
पठानकोट-लेह रेलमार्ग को मिली मंजूरी

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : संसद सदस्य शांता कुमार ने पठानकोट-लेह रेलमार्ग के निर्माण को मंजूरी प्रदान करने पर केंद्र सरकार का आभार जताया है। सोमवार को जारी प्रेस बयान में शांता कुमार ने कहा कि इस वर्ष के इंजीनियरिंग एवं यातायात सर्वेक्षण के लिए समुचित धन का प्रावधान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश की मांग को पूरा किया है।

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शांता कुमार ने कहा, दिसंबर में उन्होंने प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को पत्र लिखकर पठानकोट-लेह रेलमार्ग के निर्माण को स्वीकृति देने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि पठानकोट-मंडी-मनाली- लेह रेललाइन में जोगेंद्रनगर तक 181 किलोमीटर छोटी पटरी की लाइन पहले बिछी होने के कारण सर्वेक्षण एवं भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्दी पूरा हो जाएगा।

बकौल शांता कुमार, पठानकोट-मनाली-लेह-रेलमार्ग के प्रथम सर्वेक्षण का काम वर्ष 2009 में पूर्ण हो गया था। वर्तमान टोह इंजीनियरिंग व यातायात सर्वेक्षण रेल पटरी बिछाने से पूर्व मार्ग की शिनाख्त करने, पुलों के निर्माण एवं स्टेशनों को चिह्नित करने के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा। रेल मंत्रालय की ओर से पटरी बिछाने से पूर्व लगभग एक दर्जन से अधिक सर्वेक्षण किए जाते हैं। कोंकण और कश्मीर रेलवे स्टेशन के बाद 500 किलोमीटर पठानकोट-मंडी-मनाली लेह रेलमार्ग पहाड़ों, पुलों और मौसम के कारण रेल मंत्रालय के चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना होगी। रक्षा मंत्रालय ने इस रेल परियोजना को चीन की सीमा तक देश की चार अत्यंत महत्वपूर्ण सामरिक योजनाओं के रूप में स्वीकार किया है। इस रेल लाइन पर तंगलगला रेलवे स्टेशन विश्व का सबसे ऊंचा स्टेशन होगा। संसद सदस्य ने हिमाचल प्रदेश के लिए पालमपुर-धर्मशाला (40 किमी), बद्दी-बिलासपुर (50 किमी), अम्ब-कांगड़ा (वाया नादौन) 70 किमी, पिहोवा-पावटा सहिब (157 किमी), परवाणू-दाड़लाघाट और बिलासपुर - रामपुर बुशहर, नालागढ़-पावटा साहिब- देहरादून (267 किमी), ऊना-हमीरपुर (90 किलोमीटर) व प्रस्तावित रेल निर्माण योजनाओं के सर्वेक्षण के लिए धन जुटाने के लिए भी रेल मंत्रालय का आभार प्रकट किया है।


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