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एक आदमी की जागीर नहीं पार्टी : प्रशांत भूषण

एक आदमी की जागीर नहीं पार्टी : प्रशांत भूषण - मूलभूत मुद्दे उठाने पर मेरे खिलाफ चल रहा छवि खरा

By Edited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 05:29 PM (IST)
एक आदमी की जागीर नहीं पार्टी : प्रशांत भूषण

एक आदमी की जागीर नहीं पार्टी : प्रशांत भूषण

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- मूलभूत मुद्दे उठाने पर मेरे खिलाफ चल रहा छवि खराब करने का अभियान

-अरविंद पार्टी का चेहरा लेकिन हाईकमान संस्कृति ही लानी थी तो हम अलग कैसे

नवीन पठानिया, पालमपुर

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सियासत का तापमान ऊपर पहुंचा कर हिमाचल प्रदेश में ठंड का मजा ले रहे प्रशांत भूषण ने एक बार फिर कहा है किपार्टी किसी एक आदमी जागीर नहीं है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने जागरण के साथ कहा, 'पार्टी के कामकाज और उसके ढंग के बारे में मेरी और योगेंद्र यादव जी की जो बात हुई है, उसमें सारे बिंदु साफ कर दिए हैं।' लेकिन क्या यह आप नहीं मानेंगे कि आम आदमी पार्टी की पहचान और चेहरा अब अरविंद केजरीवाल हो गए हैं? यह पूछने पर प्रशांत भूषण कहते हैं, ' हां, यह सही है कि चेहरा तो वह बन गए हैं.... (कुछ देर रुक कर) लेकिन पार्टी को बनाने में तो बहुत लोगों का योगदान है न।' वह फिर जोड़ते हैं कि अगर बाकी पार्टियों की तरह यहां भी हाईकमान कल्चर पैदा करना था तो क्या अंतर रह जाएगा? कंडबाड़ी स्थित अपने भूखंड पर पहुंचे भूषण ने यह भी कहा कि योगेंद्र यादव के साथ जो मुद्दे उठाए हैं वे ये हैं कि पार्टी कैसे ठीक ढंग से चल सकती है। हमने पार्टी के अंदर पारदर्शिता, जबाव देही व लोकतांत्रिक तरीके से चलाना चाहते हैं। यह सब करने के लिए क्या-क्या करना होगा यह हमारा मुद्दा है, लेकिन अफसोस है कि हम काम की बात कर रहे हैं लेकिन बदले में मेरी ही छवि खराब करने का अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि 'आप' के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने भी आज एक ट्वीट में यह कहा है कि पार्टी में विभाजनकारी घटनाक्रम चल रहा है। यह कश्मीर में जनमत की मांग करने वाले घोर वाम विचारों और कल्याणकारी एवं बुद्धिमत्तापूर्ण राजनीतिक विचार के बीच द्वंद्व है।

गौरतलब है कि कल ही प्रशांत भूषण ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र और स्वराज को लेकर सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित एक पत्र लिखा था। इससे पहले पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास ने भी अरविंद केजरीवाल की दोहरी जिम्मेदारी पर सवाल उठाया था कि अब संयोजक पद के बारे में नए सिरे से विचार करना चाहिए।


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