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70 लोगों की 22 टीमें करेंगी प¨रदों की गणना

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By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 12:09 AM (IST)
70 लोगों की 22 टीमें करेंगी प¨रदों की गणना

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग झील में विदेशी प¨रदों की वार्षिक गणना के लिए वन्य प्राणी विंग ने शुक्रवार को अपनी कदमताल शुरू करते हुए 22 टीमों का गठन किया। यह सभी टीमें शनिवार 31 जनवरी की सुबह आठ बजे से प¨रदों की वार्षिक गणना में जुट जाएंगी और दोपहर डेढ़ बजे तक गणना का कार्य करेंगी। इसके बाद सभी टीमें एकत्र होंगी और पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि कितनी प्रजातियों के कितने विदेशी प¨रदे पौंग झील पहुंचे हैं।

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पौंग झील में शुक्रवार शाम तक कुल 70 प्रतिनिधि एकत्र हो चुके हैं, जो विंग की ओर से गठित 22 टीमों में भाग लेंगे। वन्य प्राणी विंग ने पौंग झील में विदेशी प¨रदों की वार्षिक गणना को लेकर बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) सहित चंडीगढ़ बर्ड क्लब, ओरिएंटल बर्ड क्लब, बर्ड क्लब ऑफ हिमाचल सहित अन्यों को निमंत्रण भेजा था। हालांकि पहले शुक्रवार से ही विदेशी प¨रदों की गणना कार्य शुरू किया जाना था। लेकिन विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक किए जाने के कारण अब शनिवार, 31 जनवरी को ही वार्षिक गणना होगी और पहली फरवरी को इस संबंध में प्रतिनिधि अपना सुझाव दे सकते हैं। कुल मिलाकर पहली फरवरी शाम तक ही गणना से संबंधित आंकड़े सामने आने की संभावना है।

वन्य प्राणी विंग उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल एसडी शर्मा ने कहा कि प¨रदों की गणना के लिए 22 टीमों का गठन किया गया है। इनमें कुल 70 के करीब प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें विंग सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।

प¨रदों पर लिखी किताब का विमोचन

फोटो सहित

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग झील पर शुक्रवार को किताब का विमोचन वन्य प्राणी विंग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल जेएस वालिया ने किया। पौंग कॉफी टेबल बुक में विदेशी प¨रदों से जुड़ी जानकारियों को सहेजा गया है। इससे कोई भी पक्षी प्रेमी विदेशी प¨रदों के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है। इस किताब में व्हाइट फरंटेड गीज, ग्रेटर व्हाइट फरंटेड गीज, हूपर स्वान, इंडियन स्कीमर, ब्लेक नेकड स्टोरक, वाटर पिपटस व बफ बिल्लिड पिपट, ग्रेट नोट, रडडी टर्मस्टोन आदि के बारे में जानकारी दी गई है। ब्रिटिश ट्रस्ट ऑफ ओर्नीथलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. फ्रैसिस, डॉ. डैनियल, व टिम वॉकर ने उपरोक्त विदेशी प¨रदों पर शोध किए हैं। वहीं, वन्य प्राणी विंग के सहायक अरण्यपाल देवेंद्र डढवाल ने इस पुस्तक को लिखा है। पुस्तक के विमोचन के दौरान विंग के उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल एसडी शर्मा, डीएफओ हमीरपुर सुभाष पराशर व सहायक अरण्यपाल देवेंद्र डढवाल भी मौजूद रहे।

वन रक्षकों को दिया टेगिंग का प्रशिक्षण

धर्मशाला : विदेशी प¨रदों को कैसे पकड़ना है और उन्हें कैसे ¨रग डालना है, वन कर्मचारियों ने यह जानकारी ली। पौंग में 11 दिन चले वन रक्षकों के बेसिक व एडवांस कोर्स में इंग्लैंड से आए दल ने 22 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। पहले से प्रशिक्षण प्राप्त वन रक्षकों को यहां एडवांस प्रशिक्षण दिया गया। वन्य प्राणी विंग उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल एसडी शर्मा ने बताया कि पौंग झील में 11 दिन वन रक्षकों को प¨रदों में ¨रग डालने का प्रशिक्षण दिया गया।


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