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राष्ट्रपिता की शिक्षाएं व आदर्श आज भी प्रासंगिक

धर्मशाला : आज के परिवेश में आवश्यक है कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गाधी के आदर्शो और शिक्षाओं का अनुसरण

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 12:09 AM (IST)
राष्ट्रपिता की शिक्षाएं व आदर्श आज भी प्रासंगिक

धर्मशाला : आज के परिवेश में आवश्यक है कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गाधी के आदर्शो और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए समाज के सभी वर्गो के साथ भाईचारे, सौहार्द तथा समानता का व्यवहार करें। उपायुक्त सी पालरासू ने शुक्रवार को राष्ट्रपिता महात्मा गाधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित करने के बाद कहा कि वर्षो बाद भी राष्ट्रपिता की शिक्षाएं और आदर्श आज के युग में भी प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर उपायुक्त के अलावा अतिरिक्त उपायुक्त सुदेश मोख्टा, एडीएम राकेश शर्मा, एसडीएम बलवीर ठाकुर व विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा समाज सेवियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गाधी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित की।

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इससे पूर्व अतिरिक्त उपायुक्त सुदेश मोख्टा, उपमंडलाधिकारी बलवीर ठाकुर तथा धर्मशाला के गण्यमान्य व्यक्तियों ने गाधी वाटिका में राष्ट्रपिता महात्मा गाधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा बापू की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। मोख्टा ने कहा कि आज के इस दिन को कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। महात्मा गाधी के सपनों को साकार करने के लिए तथा कुष्ठ मुक्त भारत निर्माण के लिए यह संकल्प लेना आवश्यक है कि हम कुष्ठ रोगियों के प्रति घृणा को मिटाएं और उन्हें त्वरित इलाज की सुविधा पहुंचाएं।


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