मुख्यमंत्री द्वार तक पहुंचेगा टांडा मारपीट मामला
जागरण संवाददाता, टांडा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरपीजीएमसी) कांगड़ा स्थित टांड
जागरण संवाददाता, टांडा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरपीजीएमसी) कांगड़ा स्थित टांडा में प्राचार्य व कर्मचारी के बीच मारपीट और दुर्व्यवहार का मामला अब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष रखा जाएगा। आरपीजीएमसी के कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा से मिला। कर्मचारियों ने सुधीर शर्मा को घटना की सारी जानकारी दी। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष सारा मामला रखा जाएगा।
कर्मचारियों ने सुधीर शर्मा को बताया कि मामले के बाद से कर्मचारी दहशत में हैं। वे ठीक ढंग से काम भी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने मामले के शीघ्र हल की मांग शहरी विकास मंत्री से की। साथ ही उन्होंने यह भी मांग उठाई कि आरपीजीएमसी व यहां आने वाले मरीजों की भलाई के लिए प्राचार्य को हटाया जाए। आरोप लगाया कि प्राचार्य बिना वजह प्रताड़ित करते हैं। कर्मचारियों के कई कार्य वर्षो तक रोके रखे, जिससे उन्हें मानसिक परेशानी के साथ-साथ आर्थिक हानि भी हुई। आवास आवंटन व वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) जैसे अनेक कार्य जिन्हें प्राचार्य ने हाल ही में किया है कई साल से अटके थे। शहरी विकास मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष सारा मामला रखेंगे तथा इसे शीघ्र सुलझा लिया जाएगा।
आरपीजीएमसी में छह दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा के दौरे के दौरान प्राचार्य व कर्मचारी के बीच मारपीट का मामला सामने आया था। कर्मचारी ने प्राचार्य पर कॉलर से पकड़ने व थप्पड़ जड़ने का आरोप लगाया था। वहीं, प्राचार्य ने भी कर्मचारी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। दोनों ने इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई है। कर्मचारियों की एकजुटता को देखते हुए सरकार ने कमेटी गठित कर एक माह के भीतर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंडलायुक्त कांगड़ा मामले की जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
'कुछ कर्मचारियों ने मुझे मारपीट के मामले के संबंध में सारी जानकारी दी है। अन्य समस्याएं भी मेरे ध्यान में लाई गई हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सारी जानकारी दी जाएगी। शीघ्र सारी समस्या सुलझा ली जाएगी।'
-सुधीर शर्मा, शहरी विकास मंत्री।