एमसीआइ पहुंची, स्टाफ नहीं
जागरण संवाददाता, टांडा : भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्प
जागरण संवाददाता, टांडा : भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरपीजीएमसी) कांगड़ा स्थित टांडा में व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त दिखाने के लिए योजना तो पुख्ता बनाई गई थी, परंतु देरी से पहुंचे आदेश ने सारी पोल खोल दी। आरपीजीएमसी में एमबीबीएस के चौथे बैच की सौ सीटों की मान्यता के लिए व्यवस्थाएं जांचने को एमसीआइ की टीम का दौरा प्रस्तावित था।
सरकार मानकर चल रही थी कि एमसीआइ की टीम एक से 15 दिसंबर के बीच अस्पताल का दौरा करेगी। इसी के मद्देनजर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) विनीत चौधरी ने 19 नवंबर को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के करीब 47 डॉक्टरों को आरपीजीएमसी में सेवाएं देने के लिए आदेश जारी किए थे। इनकी प्रतिलिपि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर को भी भेजी गई है।
आरपीजीएमसी प्रशासन के सोमवार को उस समय हाथ-पांव फूल गए जब एमसीआइ की टीम टांडा पहुंच गई। अस्पताल प्रशासन जब तक कुछ समझ पाता एमसीआइ की टीम के दोनों सदस्य अस्पताल का दौरा कर चुके थे। खैर जब यह भनक लगी कि अस्पताल में जो दो लोग मरीजों व प्रशिक्षु डॉक्टरों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में पूछताछ कर रहे हैं वे एमसीआइ के सदस्य हैं तो हड़बड़ाहट में जिला कांगड़ा के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के स्टाफ को इस बारे में सूचित किया गया तो बैजनाथ, पालमपुर व कांगड़ा इत्यादि से ही डॉक्टर टांडा पहुंच पाए। एमसीआइ के इस औचक निरीक्षण से एक बात तो साफ हो गई है कि सरकार व अस्पताल प्रशासन आरपीजीएमसी टांडा में व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कितना गंभीर है।
इन अस्पतालों से बुलाए हैं डॉक्टर
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दरीणी, मैक्लोडगंज, परागपुर, शाहपुर, लंज, गरली, कंडी, नागरिक अस्पताल थुरल, पालमपुर, कांगड़ा, बैजनाथ, देहरा, सरकाघाट, नूरपुर, सुंदरनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर, नगरोटा बगवां, क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर, नाहन, धर्मशाला, सोलन, मंडी व कांगड़ा इत्यादि।