तीमारदार खुद कर रहे सफाई
जागरण संवाददाता, टांडा : प्रदेश के दूसरे बडे़ स्वास्थ्य संस्थान में मरीजों व उनके साथ आए तीमारदारों
जागरण संवाददाता, टांडा : प्रदेश के दूसरे बडे़ स्वास्थ्य संस्थान में मरीजों व उनके साथ आए तीमारदारों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मरीजों का स्वस्थ होना तो एक तरफ तीमारदार भी बीमार पड़ जा रहे हैं। अस्पताल के ज्यादातर वार्डो में शौचालयों के हालत खस्ता है। महिला व पुरुषों को एक ही शौचालय का इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ रहा है तो वहीं शौचालय की सफाई भी उन्हें खुद करनी पड़ रही है।
जी हां, ऐसी हालत है हिमाचल के दूसरे बडे़ स्वास्थ्य संस्थान डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरपीजीएमसी) कांगड़ा स्थित टांडा के शौचालयों की। अस्पताल के वार्डो के अधिकतर शौचालय बदहाल हैं। कहीं नलके नहीं है तो कहीं वॉशवेसिन भी गायब हैं। किसी वार्ड में महिला व पुरुषों को एक ही शौचालय इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ज्यादातर शौचालय बंद हैं। इससे दुर्गध फैल रही है व मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ तीमारदारों ने बताया कि शौचालय से फैल रही दुर्गध से मरीज को तो परेशानी हो ही रही उन्हें भी डर सता रहा है कि कहीं वे भी बीमार न पड़ जाएं। उन्होंने बताया कि शौचालय बंद हो चुके हैं। हाथ धोने व शौच जाने के बाद सारा पानी शौचालय के बार एकत्रित हो जा रहा है। यही गंदा पानी पैरों के साथ वार्ड तक पहुंच रहा है तथा इससे और अधिक गंदगी फैल रही है। उन्होंने बताया कि शौचालयों की ढंग से सफाई भी नहीं हो रही है तथा उन्हें स्वयं यह कार्य करना पड़ रहा है। शौचालयों की यह बदहाली किसी एक वार्ड में नहीं, करीब हर वार्ड में स्थिति ऐसी ही है। मेडिसिन, आर्थो, जच्चा-बच्चा वार्ड सब जगह गंदगी का आलम है। मरीजों व तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन से शौचालयों की दशा सुधारने की अपील की है।
'आपातकालीन वार्ड, बच्चा वार्ड व रेडियोलॉजी विभाग के शौचालयों को सुधार दिया गया है। अस्पताल प्रशासन चरणबद्ध तरीके से शौचालयों की मरम्मत करवा रहा है। अन्य वार्डो के शौचालयों की मरम्मत के लिए भी पीडब्ल्यूडी के बीएनआर विंग को बजट बनाने के लिए कहा गया है। शीघ्र ही शौचालयों की मरम्मत करवा दी जाएगी।'
-डॉ. दिनेश सूद, चिकित्सा अधीक्षक, आरपीजीएमसी, टांडा।