छोटे किसानों के हित में नहीं खाद्यान्न खरीद व्यवस्था : शांता
जागरण संवाददाता, पालमपुर : भारतीय खाद्य निगम के नवीकरण के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं स
जागरण संवाददाता, पालमपुर : भारतीय खाद्य निगम के नवीकरण के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं सांसद शांता कुमार ने कहा कि वर्तमान खाद्यान्न प्रबंधन व्यवस्था में छोटे और मझौले किसानों को समर्थन मूल्य का समुचित लाभ प्राप्त नहीं होता। केवल 15 प्रतिशत बड़े किसान ही यह लाभ प्राप्त कर पाते हैं, जिससे किसानों में हताशा बढ़ रही है।
उन्होंने यहां जारी बयान में बताया कि सरकार दो लाख करोड़ रुपये किसानों से फसल खरीदने पर व्यय करती है और उपभोक्ताओं को सस्ता आनाज देने के लिए सब्सिडी के रूप में व्यय करती है, लेकिन किसानों से एक समान खरीद नहीं हो पाती और उपभोक्ताओं को भी प्रर्याप्त लाभ नहीं मिलता।
मिजोरम के आइजौल में उत्तर-पूर्वी राज्यों के सचिवों एवं भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों की बैठकको संबोधित करते हुए शांता कुमार ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। यदि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने में सफल रहती है तो देश समृद्धि की ओर तीव्रता से अग्रसर हो सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में पहाड़ी राज्यों जिनमें उत्तर-पूर्वी राज्य भी शामिल हैं यहां की खाद्यान संबंधित समस्याएं अन्य राज्यों की तुलना में विशिष्ट हैं। अत: खाद्यान्न प्रबंधन में इन राज्यों में आवंटन के लिए विशेष मानक निर्धारित करने की आवश्यकता है। समिति आगामी बैठक में इस मामले पर भी विचार करेगी।
समिति की बैठक में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, असम व त्रिपुरा के खाद्य सचिवों ने अपने राज्यों से संबंधित खाद्यान्न प्रबंधन का ब्योरा समिति को प्रस्तुत किया। इससे पहले समिति के सदस्यों ने मिजोरम के मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री से भी भेंट की। समिति के स्वागत में मिजोरम सरकार की ओर से सास्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।