किसानों को वैज्ञानिक खेती से जोड़ें वैज्ञानिक
जागरण संवाददाता, पालमपुर : चौधरी सरवन कुमार कृषिविश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केके कटोच ने कहा कि प्रगतिशील किसानों को वैज्ञानिक खेती से जोड़ना होगा, इससे खेती को विविध रूप से विकसित किया जा सकेगा। डॉ. कटोच कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में रविवार को रबी फसलों पर राज्य स्तरीय कृषि अधिकारी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने मृदा संरक्षण, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, वर्षा जन संग्रह, मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक उपयोग जैसे विषयों पर खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने की बात कही। इस मौके पर प्रदेश कृषि विभाग के निदेशक डॉ. जेसी राणा ने कहा कि प्रदेश में खरीफ फसलों पर सूखे तथा मानसून की कमी का खासा प्रभाव नहीं पड़ा है। इससे किसानों की मात्र 10 से 15 प्रतिशत फसल ही नष्ट हुई है। वर्ष 2013-14 में रबी फसलों का बिजाई लक्ष्य छह लाख 83 हजार टन हासिल कर लिया था। इस वर्ष आठ लाख 91 हजार टन लक्ष्य तय किया है। वहीं, खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 16 लाख टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कृषि विभाग ने इस के लिए 64 हजार टन बीज तथा 28 हजार टन उर्वरक आदि की व्यवस्था कर ली है। प्रदेशभर में 12 करोड़ खर्च कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।
अनुसंधान निदेशक डॉ. एसपी सिंह ने रबी फसलों पर किए शोध की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने नवविकसित गेहूं की किस्म पालम गेहूं-2 व गोभी सरसों की जीएससी-3 के बारे में भी विचार रखे। प्रसार निदेशक डॉ. अतुल ने जिलावार मौसम की सलाह के लिए संचालित एसएमएस सेवा को खंड स्तर पर बढ़ाए जाने की योजना के बारे में बताया। डॉ. बीके शर्मा तथा डॉ. सुमन कुमार ने भी रबी फसलों पर अपने विचार साझा किए। इस मौके पर विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसान सुभाष शर्मा, परस राम, परमाराम, बंता राम ठाकुर, गरीब दास, ज्योति परुथी, ओंकार सिंह व अन्य मौजूद रहे। डीन कृषि महाविद्यालय डॉ. एनके पठानिया ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।