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अब दिल्ली जानेगी कोठीकोहड़ का दर्द

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 01:16 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 01:16 AM (IST)
अब दिल्ली जानेगी कोठीकोहड़ का दर्द

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला कांगड़ा की दुर्गम छोटा भंगाल घाटी के कोठीकोहड़ व बड़ाग्रां पंचायतों में दूरभाष सेवाओं की लंबे समय से कनेक्टविटी न होने का मामला अब दिल्ली में उठेगा। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के सांसद शांता कुमार ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में पहले धर्मशाला में भी बीएसएनएल के अधिकारियों को अवगत करवाया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस बार दिल्ली में संबंधित मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो संसद में भी यह मामला उठाया जा सकता है।

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दिल्ली से 'दैनिक जागरण' से बातचीत में शांता कुमार ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली है। यह बेहद गंभीर विषय है कि कई माह से कोठीकोहड़ व बड़ाग्रां पंचायतों में दूरभाष सेवाएं बंद पड़ी हुई है। क्षेत्र के बच्चों को न तो आइटी शिक्षा मिल पा रही है और न ही वहां के लोग दूरभाष सेवाओं का लाभ उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां लंबे समय से दूरभाष सेवाएं ठीक न होना एक गंभीर विषय है और यह लापरवाही को भी जाहिर कर रहा है। ऐसे में अब इस मामले को दिल्ली में ही उठाया जाएगा और यहां दूरभाष सेवाएं बहाल करवाई जाएगी। इस मामले को शुक्रवार को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

शांता ने ही शुरू करवाई थी एक्सचेंज

2001 को शांता कुमार ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए स्वयं कोठीकोहड़ व लुहारड़ी में दूरभाष एक्सचेंज शुरू करवाई थी और उनका उद्घाटन कर इस दुर्गम क्षेत्र के लोगों को एक बड़ा तोहफा दिया था। लेकिन, इसके करीब चार साल बाद ही यहां बीएसएनएल ने डब्ल्यूएलएल तकनीक के नाम पर दूरभाष एक्सचेंज को बंद कर दिया। इसके बाद कोठीकोहड़ में डब्लयूएलएल का टावर लगाया गया, लेकिन इसकी ओएफसी कटने से यह टावर कई माह से बेकार पड़ा है। यहां निजी कंपनी की भी कोई सेवा नहीं है। ऐसे में यहां बेहद विकट परिस्थितियों में कार्य कर रहे कर्मचारियों व यहां के लोगों को दूरभाष सेवाओं के लिए भी पैदल करीब चार किलोमीटर का एक पहाड़ का सफर तय करना पड़ता है, तब जाकर मोबाइल सिग्नल पकड़ता है।


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