अनुबंध पर प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ी
संवाद सूत्र, धर्मशाला : कहने को तो खेल विभाग खिलाड़ियों के स्तर में सुधार व उन्हें उचित सुविधा देने के लिए कई वादे कर रहा है, लेकिन धरातल पर जाने से सामने आने वाली सच्चाई कुछ ओर ही वयां कर रही है। कांगड़ा खेल विभाग के पास पहले ही युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए कोचों की कमी है और विभाग ने जिन छह कोचों के व्यवस्था की है उनमें से पांच कोच अनुबंध में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विभाग के पास एक मात्र नियमित कोच है। यदि विभाग कोचों ही ही उचित सुविधाएं प्रदान करने में नाकाम है तो खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं मिलने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। एक तरह खेल विभाग युवा खिलाड़ियों के स्तर में बढ़ावा देने के लिए नई-नई स्कीमें तैयार कर रहा है, साथ ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए कई वादे कर रहा है, लेकिन जब तक विभाग के पास प्रशिक्षण के देने के लिए कोचों की व्यवस्था ही नहीं है तो खिलाड़ियों के स्तर में सुधार के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। विभाग ने कहने के लिए तो कुश्ती, जिम्नास्टिक, कबड्डी, हॉकी व बेडमिंटन खेलों के लिए कोचों की व्यवस्था तो की है, लेकिन अभी उक्त पांच खेलों के कोच कई सालों से अनुबंध में ही कार्य कर रहे हैं। गौरतलब है कि टेबल टेनिस, लोन टेनिस व मुक्केबाजी के लिए अभी तक कोचों के व्यवस्था ही नहीं हो पाई है, जबकि प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के मुख्यालय में राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं।
उधर, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी एमपी भराड़िया ने बताया कि विभाग में कोचों की कमी को दूर करने के लिए पत्र लिखा गया है और शीघ्र ही विभाग आवश्यकता अनुसार कोच की व्यवस्था कर देगा।