सुलयाली की आकृति एल्पस पर फहराएगी तिरंगा
संवाद सहयोगी, नूरपुर : विकास खंड नूरपुर के सुलयाली गांव की आकृति हीर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्पस पर तिरंगा फहराने जा रही है। इस अभियान के लिए आकृति सहित देश के अन्य राज्यों की छह लड़कियों का चयन किया गया है, जो 19 जुलाई को दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भारत का झडा लेकर अभियान के लिए निकलेंगी।
यदि आकृति एल्पस पर चढ़ने में कामयाब हो जाती है तो वह भारत की सबसे छोटी उम्र की प्रतिभागी होगी। आकृति के पिता एवं सुलयाली पंचायत के उपप्रधान कृष्ण सिंह हीर ने बताया कि उनकी बेटी आकृति हीर इससे पहले उत्तरकाशी में गंगोत्री चोटी(16 हजार फीट) को फतेह कर चुकी है, जिसके लिए उसे एवरेस्ट फतेह करने वाली प्रथम महिला पर्वतारोही बिछेंद्री पाल सम्मानित कर चुकी हैं। सुलयाली स्थित अपने आवास पर शनिवार को पत्रकारों से इस खुशी को बांटते हुए आकृति हीर ने बताया कि उसे अपने चयन पर खुशी भी है तथा दुख भी।
आकृति ने बताया कि इस अभियान में चयनित अन्य युवतियों को देश की नामी कंपनियों ने प्रायोजक के रूप में अपनाया है, लेकिन उसके लिए कोई भी प्रायोजक तैयार नहीं हुआ है। इसका उसे दुख है। आकृति ने बताया कि इस अभियान पर करीब 25 लाख रुपये खर्च आता है, लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह इतनी बड़ी राशि जुटा सकें। फिर भी उसके माता-पिता बैंक से कर्ज लेकर पैसे का प्रबंध कर रहे है। आकृति ने बताया कि पर्वतारोहण के लिए जूतों की एक जोड़ी डेढ़ लाख की आती है। आकृति अनुसार एवरेस्ट फतेह करने वाली प्रथम भारतीय महिला बिछेंद्री पाल ने इस अभियान के तहत जरूरी सामान का खर्च उठाने का जिम्मा लिया है। इसके लिए वह तथा उसका परिवार बिछेंद्री पाल का आभारी है। आकृति अनुसार इस अभियान में सफलता हासिल करने के लिए उसे अपने प्रदेश हिमाचल के साथ-साथ उतरी भारत के लोगों की दुआओं तथा सहयोग की जरूरत है।