अफगान का अंजीर बना कश्मीर के बगीचे का दिल
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर अफगानिस्तान से लाया गया अंजीर का पौधा कश्मीर के बगीचे का दिल बनकर उभरा है। अं
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर
अफगानिस्तान से लाया गया अंजीर का पौधा कश्मीर के बगीचे का दिल बनकर उभरा है। अंजीर के पौधे की कीमत 5000 रुपये है और अब इसमें फल लगने शुरू हो गए हैं। प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल की ग्राम पंचायत चमियाणा के गांव गरोड़ू निवासी कश्मीर ¨सह की 15 कनाल जमीन में एक बगीचा तैयार किया है जिसमें 26 किस्मों के फल व मसाले के पौधे तैयार कर बड़ी सफलता हासिल की है। नौकरी के चलते कश्मीर ¨सह ने 1985 से एक बगीचा लगाने की सोची और फिर दिल्ली से दो महीने की छुट्टी लेकर इसे अंजाम दिया था। 30 वर्ष से उन्होंने बगीचे में 26 किस्मों के फल व मसाले पौधे तैयार करके एक नई मिसाल कायम की है। वह लोगों को मुफ्त में फल व मसाले भी देते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान, नेपाल, ओडिशा, केरल, बंगाल में नौकरी करने वाले दोस्तों को हजारों रुपये देकर अपने बगीचे के लिए पौधे मंगवाए और इसे मुकाम तक पहुंचाया है।
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ये हैं 26 किस्म के फल व मसाले
फलों में अंजीर, आम, अनाख, लिची, कटहल, सेब, नींबू, जपानी फल, पलम, गलगल, चिकू, अखरोट, बदाम, रूद्राक्ष का काजू शामिल हैं। मसालों में छोटी इलायची, मग, लौंग, दाल चीनी, केसर, काली मिर्च, अर्जुन शामिल हैं।
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ये है मंगवाए पौधों का मूल्य
अंजीर का पौधा अफगानिस्तान से दो हजार में, छोटी इलायची नेपाल से दो हजार में, रूद्राक्ष नेपाल से दो हजार में, मग ओडिशा से दो हजार में, लौंग केरला से दो हजार में, दाल चीनी बंगाल से दो हजार में प्रत्येक पौधा अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के माध्यम से मंगवाकर बगीचे में लगाए हैं।
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दैनिक जागरण के लेख से मिली कृषि व बागवानी की प्रेरणा
कश्मीर ¨सह का कहना है कि दैनिक जागरण समाचार पत्र का 25 वर्ष से नियमित पाठक हूं। चमियाणा घर में व दिल्ली में लगातार जागरण समाचार पत्र में प्रकाशित किसानों व बागवानों से जुड़े लेखों से कृषि व बागवानी के तहत बगीचा लगाने की प्रेरणा मिली हैं। जागरण का आभार व्यक्त करता हूं जिसकी बदौलत मैं 15 कनाल जमीन पर एक अच्छा बगीचा तैयार करने में सफल हुआ हूं।
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सरकार व प्रशासन से सहयोग का आग्रह
कश्मीर ¨सह का कहना है कि सरकार की बिना मदद से उन्होंने बगीचा तैयार किया है। फल व मसालों को जंगली जानवर नष्ट कर रहे हैं। दिल्ली में सैंप¨लग मैन की नौकरी करने वाले कश्मीर नौकरी पर हों तो उनकी पत्नी प्रकाशो देवी व परिवार के सदस्य पौधों की देखभाल करते हैं। उन्हें केवल सरकार व प्रशासन से यही आग्रह करना है कि हमीरपुर जिला में कृषि व बागवानी के क्षेत्र में हव बनकर उभर सकता है। सरकार व प्रशासन सहित कृषि विभाग व बागवानी विभाग को सहयोग देना चाहिए।
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कृषि विभाग करेगा कश्मीर की मदद
कृषि उपनिदेशक केएल रत्न ने बताया कि शीघ्र ही कश्मीर ¨सह के बगीचे का निरीक्षण कृषि विभाग की टीम करेगी। उन्हें कृषि विभाग की जो सहायता की जरूरत होगी उसे पूरा किया जाएगा।