मांगें नहीं मानी तो गोदाम से नहीं उठाएंगे राशन
संवाद सहयोगी, हमीरपुर : राशन डिपो धारकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को प्र
संवाद सहयोगी, हमीरपुर : राशन डिपो धारकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को प्रदेश डिपो संचालक समिति के महासचिव अशोक कवि की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त उपायुक्त हमीरपुर से मिला। इस दौरान उन्होंने मांगों को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा। प्रतिनिधमंडल ने प्रदेश सरकार को चेतावनी भी दी है कि उक्त मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो प्रदेश के समस्त डिपो धारक अगस्त में राशन का कोटा सिविल सप्लाई के गोदामों से नहीं उठाएंगे। निजी डिपो धारकों व सरकारी सभाओं के विक्रेताओं ने समस्याओं के बारे में बीते दो जनवरी को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के मुख्य सचिव शिमला को अवगत करवाया था। बावजूद इसके अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
डिपो धारकों ने कहा कि उन्हें आदेश दिए जा रहे हैं कि राशन वितरण पीओएस मशीनों के माध्यम से किया जाए। अधिकतर पंचायतों में राशन कार्ड भी सही नहीं बने हैं। इस कारण मशीन में गलत आ रहा है। ऐसे में पीओएस मशीन द्वारा राशन वितरण करना संभव नहीं है। बीते माह कोई खाद्य सामाग्री डिपो पर नहीं आई है, तो अगले माह मशीन उस सामग्री को भी नहीं दर्शा रही है। ऐसे कई डिपो धारकों को मानसिक परेशानी भी उठानी पड़ रही है। डिपो के सचिव पांच बजे अपनी समयसारिणी के अनुसार छुट्टी कर लेते हैं। इस दशा में साढ़े छह बजे डिपो का सेल्समेन अपना कैश कहां जमा करवाएगा। ऐसे में डिपो धारकों की समयसारिणी में कोई भी फेरबदल न किया जाए। शाम छह बजे ही डिपो बंद किए जाएं। प्रतिनिधिमंडल में संजय पुरी, अशोक कुमार, देश राज, कुलदीप चंद, कृष्ण कुमार, संजय कुमार, सुपेश, दिनेश, रतन चंद, राज वालिया, कृष्ण चंद, कमल देव, रमेश चंद, जोगिंद्र ¨सह, मुकेश कुमार तथा वीरेंद्र ¨सह भी मौजूद रहे।
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आखिर क्या हैं विक्रेताओं की मांगें
निजी डिपो धारकों तथा सरकारी सभाओं के विक्रेताओं की मुख्य मांगों में एपीएल के राशन पर कमीशन तीन से बढ़ाकर 20 फीसद करना, प्रदेश के सभी सरकारी सभाओं तथा निजी डिपो धारकों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना, सरकारी सभाओं के विक्रेताओं को सरकार द्वारा निर्धारित वेतनमान दिया जाएगा, सहकारी सभाओं के विक्रेताओं को वेतन व्यापारिक लाभ से न देकर लाभ-हानि खाते से दिया जाए, सभी डिपो धारकों को एफएसएसए के दायरे से बाहर रखा जाएगा तथा उक्त डिपो धारकों को स्टोरेज का प्रावधान किया जाए आदि शामिल हैं।