70 वनरक्षकों के कंधों पर 70 बीटों का जिम्मा
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर गर्मियां शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। वन विभाग
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर
गर्मियां शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। वन विभाग हमीरपुर ने जंगलों में आग से निपटने के लिए रणनीति बना ली है। वन विभाग की ओर से जिलेभर को चार रेंजों में बांटा गया है और छह-छह कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जिसमें 70 बीटें गठित की गई हैं। आग से निपटने के लिए 40 फायर वाचर भी तैनात किए गए हैं। जंगलों में वन संपदा को नुकसान न पहुंचे इसको लेकर वन अधिकारी मुस्तैद दिख रहे हैं। हालांकि इन दावों का पता तो समय आने पर ही चलेगा। वन विभाग द्वारा जंगलों में करीब 70 वन गार्ड तैनात हैं जो कि जंगल में आग लगने पर नियंत्रण रूम से इसकी सूचना हर अधिकारी को समय-समय पर दे रहे हैं। विभागीय जानकारी के मुताबिक जिला भर में 15585 हेक्टेयर वन भूमि जगलों के अधीन आती है और इसमें अधिकांश चीड़ के पेड़ हैं। वन विभाग ने इस बार आग की घटना के लिए टास्क फोर्स का गठन भी किया है ताकि आग लगते ही उस पर काबू पाया जा सके। हमीरपुर जिला के 229 पंचायतें व 1602 गांव जो जंगलों से घिरे हैं। जिला में पांच उपमंडलों हमीरपुर, भोरंज, बड़सर, नादौन, सुजानपुर को लें तो ज्यादातर भोरंज व बड़सर एरिया में जंगल हैं। हमीरपुर के साथ सुजानपुर एरिया में भी सड़क किनारे ही चीड़ के जंगल हैं। यहां पर आग लगने की अधिक आशंका रहती है।
जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग के आलाधिकारियों ने वन गार्डो को सख्त निर्देश जारी किए हैं ताकि क्षेत्र में कोई भी बड़ी आग की घटना न हो सके और हरे भरे चीड़ के पेड़ों को आग से नुकसान न पहुंच सके। वन विभाग की यह भी योजना है कि जंगलों में आग लगने से जंगली जानवरों को भी नुकसान न पहुंचे।
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रणनीति की है तैयार : अनिल
वन विभाग हमीरपुर के अरण्यपाल अनिल जोशी ने कहा कि गर्मियों में आग लगने की घटनाएं न हों, इसको लेकर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक कर पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है। वन मंडल अधिकारी आरसी गोमा की अगुवाई में जिला भर के जंगलों को चार रेंज में बांटा हैं और इसमें 70 बीट बनाकर 40 फायर वाचर भी तैनात किए हैं। जोशी ने जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों, महिला मंडलों व युवक मंडलों से सहयोग मांगा है। उन्होंने लोगों व किसानों से आग्रह किया है कि वे घासनियों को जलाने से पहले वन विभाग को सूचित करें ताकि वहां जंगल में आग न लग सके और सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंच सके। उन्होंने गर्मी के दिनों में अग्निशमन विभाग को भी सर्तक रहने को कहा है ताकि आग की सूचना मिलते ही वन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को सहयोग दें।