स्वच्छता अभियान में रोड़ा बनी पेयजल किल्लत
संजय गोस्वामी, बड़सर गर्मी शुरू होते ही लोग जहां पेयजल के लिए तरस रहे हैं वहीं बिना पानी के शौचाल
संजय गोस्वामी, बड़सर
गर्मी शुरू होते ही लोग जहां पेयजल के लिए तरस रहे हैं वहीं बिना पानी के शौचालयों को स्वच्छ रखना प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार हर परिवार में शौचालय का निर्माण होना जरूरी है ताकि संपूर्ण स्वच्छता अभियान को अमलीजामा पहनाया जा सके लेकिन गर्मी प्रचंड होते ही पानी की जबरदस्त किल्लत संपूर्ण स्वच्छता अभियान में रोड़ा बन रही है। हालत यह है कि लोगों को गर्मी में पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है। वहीं अब पानी की किल्लत के कारण शौचालयों को साफ रखना लोगों के लिए मुसीबत बन गया है जिससे यह पूरा अभियान प्रभावित हो रहा है। गर्मी में सभी जगहों पर पानी की किल्लत बनी हुई है जिस कारण संपूर्ण स्वच्छता अभियान की सफलता पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। बिना पानी के शौचालयों को स्वच्छ कैसे रखा जाए यह ¨चता का विषय बनता जा रहा है। बड़सर उपमंडल में ऐसे कई गांव हैं जहां पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है तथा पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। प्राकृतिक जलस्रोत सूखने की कगार पर हैं, इस स्थिति में लोगों को शौच के लिए मजबूरन बाहर खुले में जाना पड़ रहा है। आइपीएच विभाग बड़सर डिवीजन के सहायक अभियंता सुशील कुमार ने कहा कि पेयजल स्कीमों के प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर होने के कारण कई दफा गर्मियों में पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाती है जिसका असर लोगों पर पड़ता है। इसमें संपूर्ण स्वच्छता अभियान भी शामिल है। विभाग हरसंभव प्रयास करता है कि 70 लीटर पानी प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से उपलब्ध करवाया जाए।