Move to Jagran APP

खुदरा दूध बिक्री बंद करने पर खुली पोल

संवाद सहयोगी, जलाड़ी : मिल्क फेडरेशन तीस सालों से गैर-कानूनी रूप से दूध बेच रहा था। मिल्क फेडरेशन के

By Edited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 11:06 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2016 11:06 PM (IST)
खुदरा दूध बिक्री बंद करने पर खुली पोल

संवाद सहयोगी, जलाड़ी : मिल्क फेडरेशन तीस सालों से गैर-कानूनी रूप से दूध बेच रहा था। मिल्क फेडरेशन के जलाड़ी के गगाल स्थित दुग्ध अभिशीतन केंद्र ने दूध की खुदरा बिक्री बंद कर दी है। इससे के कारण लोगों को दूध खरीदने के लिए भटकना पड़ रहा है। 1970 के दशक में यहां पर चि¨लग प्लांट लगाया गया है इसमें जगह-जगह बनाई गई दूध सोसायटी के माध्यम से दूध की आपूर्ति की जाती है। चि¨लग प्लांट में दूध पहुंचने के बाद दूध को खुदरा मूल्य पर बेचा जाता रहा है और काफी संख्या में लोग हैं जो मिल्कफेड की वैन से दूध खरीदते हैं। परन्तु अब अचानक वैन के माध्यम से दूध बेचना बंद कर दिया है। इस कारण जो लोग दूध खरीदते थे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विवाह-शादियों व अन्य अवसरों के लिए भी लोग मिल्कफेड से दूध खरीदते हैं तथा अब खुदरा बिक्री बंदकर देने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। वहीं जब इस बारे मे मिल्कफेड के एमडी एके ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खुला दूध बेचना गैर-कानूनी है तथा अब जो भी दूध इकटठा किया जाता है उसे जंगलबेरी स्थित प्लांट में भेज दिया जाता है जहां से पैकेट बंद दूध की सप्लाई हो रही है। हैरानी की बात है कि केंद्र 30 वर्षों से ज्यादा समय से गैर-कानूनी रूप से दूध बेच रहा है और इसका पता अब चला कि खुला दूध बेचना गैर-कानूनी है। अगर यह गैर-कानूनी है तो केंद्र इतने समय से गैर-कानूनी रूप से ही दूध बेच रहा तो इसमें बड़े घपले की आशंका जताई ज सकती है। केंद्र में कितने अधिकारी आए व चले गए क्या सभी ने बहती गंगा में हाथ धोया है। वहीं मिल्कफैड के डायरेक्टर पं. किशन दत्त शर्मा ने बताया कि वह इस संबंध में सरकार व मिल्कफेड के चेयरमैन से बात करेंगे तथा उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.