काम पर तो आए मगर पकड़ा दिया त्यागपत्र
क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर में कार्यरत 14 वार्ड ब्वॉय शुक्रवार को रोजाना की तरह अस्पताल तो पहुंचे लेक
क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर में कार्यरत 14 वार्ड ब्वॉय शुक्रवार को रोजाना की तरह अस्पताल तो पहुंचे लेकिन उन्हें कोई काम नहीं बताया गया। ठेकेदार ने इनके हाथों में त्यागपत्र थमा दिया। इसका मुख्य कारण ठेकेदार द्वारा किया गया अनुबंध 30 जून को समाप्त हो गया है। इन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य निदेशक तक अपनी समस्या के बारे में बताया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अब यह कर्मचारी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
गौर रहे कि तीन साल पहले मैन पावन कंपनी के तहत इन वार्ड ब्वॉय को नियुक्ति दी गई थी। ठेकेदार के तहत रखे कर्मचारियों का अनुबंध समाप्त हो गया है। यह सभी क्षेत्रीय अस्पताल में स्पोर्टिग स्टाफ के पद पर कार्य रहे थे। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इन्हें रोगी कल्याण समिती के तहत लाने के लिए प्रयास किए लेकिन इस पर कोई सहमती नहीं बन पाई। इन वार्ड ब्बॉय का कहना है कि ठेकेदार या अस्पताल प्रशासन ने कोई नोटिस जारी नहीं किया। यहां तक कि ड्यूटी रोस्टर से इनका नाम तक हटा दिया गया। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर चिकित्सा अधीक्षक ने भी स्वास्थ्य विभाग से इन्हें दोबारा रखने के लिए प्रयास किया लेकिन फिर भी इनकी तैनाती नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि सरकार ने आउटसोर्सिग के तहत कर्मचारी को रखने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यही कारण है कि इन वार्ड ब्बॉय को रोगी कल्याण समिति के तहत भी नहीं रखा जा रहा है। इन कर्मचारियों ने बताया कि तीन साल बाद वे घर पर बैठने को मजबूर हैं। इन्होंने कहा कि सरकार या स्वास्थ्य विभाग अनुबंध के तहत रखने के लिए तैयार होता है तो वे एक माह का वेतन भी नहीं लेंगे और अस्पताल में काम करते रहेंगे।
कर्मचारी रखने का निर्णय सरकार या विभाग ही ले सकता : डॉ. सोनी
क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अर्चना सोनी ने बताया कि ठेकेदार द्वारा रखे 14 वार्ड ब्बॉय का अनुबंध समाप्त हो गया है। इसलिए इन्हें ड्यूटी रोस्टर से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों को रखना है या नहीं इस बारे में सरकार या स्वास्थ्य विभाग ही निर्णय ले सकता है। फिलहाल इनकी फाइल फाईनेंस के लिए गई है।