मणिमहेश लंगर प्लाटों की नीलामी पर बिफरी संस्थाएं
श्रद्धालुओं के लिए यात्रा के दौरान निशुल्क भोजन, चिकित्सा व ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध करवाती हैं संस्
श्रद्धालुओं के लिए यात्रा के दौरान निशुल्क भोजन, चिकित्सा व ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध करवाती हैं संस्थाएं
संवाद सहयोगी, नादौन : धार्मिकस्थल मणिमहेश में लंगर प्लाटों की नीलामी के फैसले से निशुल्क लंगर व्यवस्था करने वाली संस्थाएं हताश हैं। नादौन से तीन संस्थाएं मणिमहेश के पैदल मार्ग सुंदरासी, दुनाली व खप्परनाला नामक स्थानों पर दानवीर लोगों के सहयोग से लंगर लगाती हैं।
इन संस्थाओं के सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्लॉट की नीलामी करने से धार्मिक आस्था का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। लंगर लगाने वाले शिवभक्तों राज कुमार शर्मा, नवल किशोर, कुलदीप शर्मा, तरूण कपिल, बाबू राम चौधरी, संजीव, दिनेश सहोत्रा, ओंकार शर्मा, विजय शर्मा, राजीव रामा, ओम प्रकाश, आदि ने बताया कि लोगों के सहयोग से संस्थाएं विषम परिस्थितियों में भी श्रद्धालुओं के लिए यात्रा के दौरान निशुल्क भोजन, चिकित्सा व ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध करवाती है। उन्होंने बताया कि लंगर का सामान ढोने का भारी भरकम खर्च भी संस्थाएं वहन करती हैं। प्रशासन की ओर से इसमें कोई सहयोग नही किया जाता है। सरकार को शिवभक्त श्रद्धालुओं तथा लंगर संस्थाओं के हितों का ध्यान रखते हुए इस तुगलकी फरमान को वापिस लेना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो समस्त समितियां न तो नीलामी प्रक्रिया में भाग लेंगी साथ ही लंगर व्यवस्था का बहिष्कार किया जाएगा।